वाह योगी सरकार! क्या खूब अच्छे दिन दिखाए, लाखों के लोन पर माफ किए डेढ़ रुपए
न रोते बनता है, न हस्ते बनता है, बनता है तो बस मजाक। कुछ ऐसा ही हाल हुआ शाहजहांपुर में गरीब किसानों का। जहां उनको बुलाया तो जाता है कर्जमाफी के लिए, मगर जब किसानों ने अपने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र देखा तो उन्हें समझ नहीं आया कि ह
शाहजहांपुर: न रोते बनता है, न हंसते बनता है, बनता है तो बस मजाक। कुछ ऐसा ही हाल हुआ शाहजहांपुर में गरीब किसानों का। जहां उनको बुलाया तो जाता है कर्जमाफी के लिए, मगर जब किसानों ने अपने कर्जमाफी के प्रमाण पत्र देखा तो उन्हें समझ नहीं आया कि हंसे या रोएं। प्रमाण पत्र में किसी का डेढ़ रूपये, तो किसी का 6 रूपये कर्जा ही माफ किया गया था। ये देख किसानों का गुस्सा बढ़ गया। उनका कहना है कि सरकार को इसकी भी क्या जरूरत थी। इतना तो हम दे ही सकते हैं।
सरकार ने किया भद्दा मजाक- किसान
- कर्जमाफी के नाम पर डेढ़ रुपए कम करने को किसानों ने सरकार का भद्दा मजाक बताया।
हानि लाखों की, कर्जमाफी डेढ़ रुपए?
- लाखों रुपए का कृषि लोन होने के बावजूद क्षेत्र के दो किसानों का डेढ़ और 6 रुपए ही लोन माफ हुआ। किसानों को कर्ज मुक्ति प्रमाणपत्र जब मिला तो वह भौचक्के रह गए। अगले दिन बैंक मैनेजर के पास गए तो बैंक मैनेजर ने भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया, जिससे किसान परेशान हैं।
क्षेत्र के लखौहा गांव निवासी वीरपाल ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 में 1 लाख 40 हजार रूपये का कृषि ऋण लिया था, इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में कृषि ऋण को रिन्यूवल कराते हुए 1लाख 55 हजार रूपए का कृषि ऋण लिया। उन्होंने बताया कि जब उन्हें शाहजहांपुर में बीते रविवार को कर्ज मुक्ति प्रमाण पत्र लेने का बुलावा आया तो उनके परिवार में खुशी का माहौल था। वह शाहजहांपुर प्रमाण पत्र लेने के लिए गए, लेकिन जब उन्हें मात्र छह रुपए लोन माफी का प्रमाण पत्र मिला तो उनके पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई।