Farrukhabad News: बसपा के बाहुबली नेता अनुपम दुबे को उम्रकैद, कोर्ट ने 27 साल पुराने हत्या के मामले में सुनाया फैसला

Farrukhabad News: ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में अनुपम समेत तीन लोगों पर हत्या का आरोप लगा था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में मथुरा जेल में बंद अनुपम को कोर्ट लाया गया था।

Update:2023-12-07 17:07 IST

Farrukhabad News (Pic: Social Media)

Farrukhabad News: ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की हत्या के 27 साल पुराने मुकदमे में आरोपी फर्रुखाबाद के बाहुबली बसपा नेता अनुपम दुबे को अपर जिला जज अष्टम राम अवतार प्रसाद ने गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि फर्रुखाबाद में तैनात रहे इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की एक मुकदमे में गवाही से लौटते समय अनवरगंज स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में घुसकर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में अनुपम दुबे समेत तीन लोगों पर हत्या का आरोप लगा था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। मथुरा जेल में बंद अनुपम दुबे को फैसले की सुनवाई के लिए गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया था।

ईओडब्ल्यू में तैनात मेरठ निवासी रामनिवास यादव की अनवरगंज स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में 1996 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रामनिवास ने फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान दर्ज एक मुकदमे की विवेचना की थी। इसी मुकदमे में गवाही देने के लिए वह फर्रुखाबाद गए थे। इस दौरान ट्रेन से लौटते समय रास्ते में मौका पाकर ट्रेन में ही उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जीआरपी थाने में अनुपम दुबे के अलावा नेम कुमार उर्फ बिलैया और कौशल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। तीनों की गिरफ्तारी न हो पाने पर फरारी में ही उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेज दी गई थी।

सीएमएम कोर्ट ने 2021 में कुर्की आदेश जारी कर दिया था

इस मामले में सीबीसीआईडी ने भी विवेचना कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही नेम कुमार व कौशल की मौत हो चुकी है। अनुपम के गैर हाजिर रहने पर सीएमएम कोर्ट ने 2021 में कुर्की आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद अनुपम दुबे फर्रुखाबाद में दर्ज एक दूसरे मुकदमे में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया था। फिर फर्रुखाबाद जेल में उसका वारंट तामील कराकर उसे कोर्ट में हाजिर किया गया था।

कुल 22 गवाह कोर्ट में पेश किए गए-

एडीजीसी अरविंद डिमरी ने बताया कि मुकदमे में कुल 22 गवाह अदालत में पेश किए गए थे। अभियोजन की ओर से 18 गवाह कोर्ट में पेश हुए थे जबकि कोर्ट विटनेस के रूप में भी चार गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे। इनमें से घटना के समय ट्रेन में मौजूद रहे एक गवाह मुलायम सिंह की गवाही महत्वपूर्ण रही। इसे चश्मदीद गवाह के रूप में अदालत में पेश किया गया था।

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