लखनऊः यूपी में एक लाख 75 हजार शिक्षामित्रों और बीएड टेट मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई के लिए स्थगित कर दी है। जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की पीठ के समक्ष सरकार के वकीलों ने कहा कि मामले की सुनवाई 11 जुलाई को तय की गई थी, लेकिन यह मामला बीच में आ गया जिससे वे बहस के लिए तैयार नहीं हैं।
शिक्षामित्रों की बढ़ी धड़कनें
इस बार सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मामले को फाइनल डिस्पोजल के लिए लगाया था। ऐसे में असिस्टेंट टीचरों के पदों पर समायोजित हो चुके करीब 1.34 लाख शिक्षामित्रों व समायोजन का इंतजार कर रहे सभी शिक्षामित्रों की धड़कने बढ़ गई थीं।
यह भ्ाी पढ़ें...शिक्षामित्र: SC ने यूपी सरकार को दी मोहलत बढ़ाई,11 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में पहले इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होनी थी। यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से लेकर विभाग के आला अफसरों व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए अपने अधिवक्ताओं की टीम को लगा दिया है।
क्या है मामला
-प्रदेश में शिक्षामित्रों को असिस्टेंट टीचरों के पदों पर समायोजित करने के राज्य सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने निरस्त कर दिया था।
-इसके चलते प्रदेश भर के पौने दो लाख शिक्षामित्र सड़क पर आ गए थे
-लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाद में हाईकोर्ट के समायोजन निरस्त करने के फैसले पर स्थगन आदेश पारित कर रोक लगाई थी।
-सुप्रीम कोर्ट ने बाद में अपनी रोक को 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था और अब 26 अप्रैल को अंतिम सुनवाई के लिए इसको लिस्टेड किया है।
-सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यूपी के शिक्षामित्रों की नजरें टिकी हैं।
-सूत्रों का कहना है कि 26 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के रुख पर भी काफी दारोमदार है।