कल रीहा होंगे रेडी, प्यार, बागी और छोटा चेतन जैसी फिल्मों की कहानीकार, ये है पूरा मामला

Film Director Ikram Akhtar: बिल्डर कुलदीप का आरोप है कि, इकराम अख्तर ने फिल्म "आई लव दुबई" बनाने लिए उनसे देढ़ करोड़ रुपए लिए थे। पूरा पैसे लेने के बावजूद फिल्म पूरी करके नहीं दी।

Update: 2023-09-22 15:04 GMT

film director ikram akhtar (Photo-Social Media)

Film Director Ikram Akhtar: रेडी, प्यार, बागी और छोटा चेतन जैसी फिल्मों की कहानी लिखने वाले फिल्म डायरेक्टर इकराम अख्तर कल यानि शनिवार को जेल से रीहा होंगे। उन्हें एक हफ्ता पहले 15 सितंबर को धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेजा गया था।

पूरा पैसे लेने के बावजूद, फिल्म पूरी करके ना देने का आरोप

डायरेक्टर इकराम अख्तर के खिलाफ मुरादाबाद के बिल्डर कुलदीप कत्याल ने वर्ष 2016 में मुरादाबाद कोर्ट में केस किया था। बिल्डर कुलदीप का आरोप है कि, इकराम अख्तर ने फिल्म "आई लव दुबई" बनाने लिए उनसे देढ़ करोड़ रुपए लिए थे। पूरा पैसे लेने के बावजूद फिल्म पूरी करके नहीं दी।

मुरादाबाद कोर्ट ने सुनाई थी सजा

इस केस में मुरादाबाद कोर्ट ने इकराम अख्तर के विरुद्ध वारंट जारी किया था। कोर्ट द्वारा जारी वारंट को लेकर मुरादाबाद कोतवाली पुलिस मुंबई पहुंची, जहां से बीते बुद्धवार को इकराम अख्तर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मुरादाबाद पुलिस ने उन्हें मुंबई के मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा था। 72 घंटे के ट्रांजिट रिमांड मलने के बाद पुलिस उन्हें लेकर मुरादाबाद पहुंची।

देढ़ करोड़ का चेक बाउंस होने के बाद बिल्डर ने किया केस

बिल्डर कुलदीप कत्याल के अधिवक्ता एडवोकेट अनुज विश्नोई ने एक समाचार पत्र से बात करते हुए बताया कि दबाव बनाने के बाद डायरेक्टर नें देढ़ करोड़ रुपए के चेक दिए थे, जो बाउंस हो गया। इसके बाद कुलदीप नें डायरेक्टर के खिलाफ मुरादाबाद थानें में केस दर्ज करा दिया था। इसी केस में मुरादाबाद के अतिरिक्त न्यायाधीश एनआई एक्ट के तहत इकराम के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था।

2017 में भ हुए थे गिरफ्तार

डायरेक्टर इकराम अख्तर को इसी मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें मुंबई में ही अंतरिम जमानत मिल गई। इसके बाद फिर 18 मई को इकराम एसीजेएम-4 की कोर्ट में पेश हुए और यहां भि उन्हें जमानत मिल गई। एडवोकेट अनुज विश्नोई ने बताया कि तभी से यह सुनवाई के दौरान गैरहाजिर चल रहा था। नौं महीने पहले भी कोर्ट नें वारंट जारी किया था लेकिन उसमें भी जमानत मिल गया था।

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