7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज, हत्या के मामले में तथ्यों को छिपाने का आरोप
यूपी के शाहजहांपुर में एक युवक की अपहरण के बाद हत्या के मामले में तथ्यों को छिपाने और मामला रफादफा झरने के आरोप में सात पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें शाहजहांपुर के तीन कोतवाल और बरेली के तीन थानाध्यक्ष और एक कान्सटेबल शामिल है। मुकदमा सीबीसीआईडी की जांच के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर दर्ज कराया गया है।
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में एक युवक की अपहरण के बाद हत्या के मामले में तथ्यों को छिपाने और मामला रफादफा करने के आरोप में सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें शाहजहांपुर के तीन कोतवाल और बरेली के तीन थानाध्यक्ष और एक कान्सटेबल शामिल है। मुकदमा सीबीसीआईडी की जांच के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर दर्ज कराया गया है।
ये है मामला-
- 2011 में शाहजहांपुर के जलालाबाद थाना क्षेत्र के समैतीपुर गांव के रहने वाले रामसरन का अपहरण हो गया था और दूसरे ही दिन उसकी लाश बरेली के भमौरा थाना क्षेत्र में मिली थी।
- तत्कालीन थानाध्यक्ष रामवीर सिंह ने ना ही हत्या का मामला दर्ज किया और ना ही इसकी रिपोर्ट को जीडी पर दर्ज किया। और तो और इस हत्या से जुड़े तथ्यों को छिपा लिया।
- जिसके बाद ये केस शाहजहांपुर के जलालाबाद थाने में भेज दिया गया ।
- यहां भी तत्कालीन तीन कोतवालों एमएम खान, चन्द्रकान्त मिश्रा, अशोक कुमार सिंह ने मामले में एफआर लगा दी।
- इसके बाद वादी नन्दराम ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई।
- शिकायत के बाद सीबीसीआईडी के एसपी ने इस पूरे मामले की जांच की।
- जांच में कुल 7 पुलिसकर्मियों को पूरे मामले में कानून की अवहेलना और सरकारी पद पर रहते हुए किसी को नुकसान पहुंचाने का देाषी पाया।
- इस आधार पर सातों के खिलाफ थाना जलालाबाद में धारा 166ए(बी) के तहत मुकमदमा दर्ज किया गया है। फि
सीओ जलालाबाद के मुताबिक़:
सीओ जलालाबाद बलदेव सिंह खनेड़ा ने बताया कि मामला 2011 का है। थाना जलालाबाद निवासी 30 वर्षीय रामसरन लापता हो गया था। जिसकी सूचना जलालाबाद मे की गई थी। एक दिन बाद रामसरन का शव बरेली के थाना भमोरा क्षेत्र में मिला था। काफी सालों से मामला बंद पड़ा था मगर अब इसकी जांच हुई जिसके बाद 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।