लखनऊः गोमतीनगर स्थित किसान मंडी भवन में रहस्यमय हालात में रविवार रात अचानक आग लग गई। आग भवन के पांचवें और छठे फ्लोर पर लगी थी। आग से मंडी परिषद का अकाउंट्स, मार्केटिंग और चीफ इंजीनियर निर्माण यूपी सिंह का दफ्तर राख हो गया। आग इतनी भीषण थी कि फायर ब्रिगेड को काबू पाने में छह घंटे से ज्यादा का वक्त लगा। आग लगने के पीछे साजिश की चर्चा है। एपीसी प्रवीर कुमार ने इस मामले की जांच बिठा दी है। जांच की रिपोर्ट उन्होंने सात दिन में मांगी है।
आग के पीछे साजिश?
-मंडी भवन में आग लगने के मामले में साजिश की बात कही जा रही है।
-किसान मंडी भवन में मंडी परिषद से जुड़े सारे काम होते हैं।
-रविवार रात करीब 1 बजे अचानक पांचवीं मंजिल से आग की लपटें निकलने लगीं।
-देखते ही देखते छठी मंजिल तक भी आग पहुंच गई।
-बिजली काटने से अंधेरा हो गया, ऐसे में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को बड़ी मुश्किलें हुईं।
कई स्तर की होगी जांच
-मंडी भवन में आग लगने के कारणों की दो स्तर पर जांच होगी।
-कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) प्रवीर कुमार ने सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
-निर्माण, विपणन, रिवीजन सेल, फाइनेंस एवं अकाउंट कार्यालय बुरी तरह जल गए हैं।
-निदेशक मंडी ने भी अग्निकांड की जांच के लिए 15 सदस्यीय कमेटी बनाई है।
डीजीपी मुख्यालय में लगी आग
हजरतगंज स्थित पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में आग लगने से वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों की मानें तो इस आग से कोई खास नुकसान नहीं हुआ।
बीते साल कई सरकारी दफ्तरों में लगी थी आग
-10 मई 2015 को इंदिरा भवन के पुष्टाहार विभाग में आग लगी थी।
-14 जून 2015 को स्वास्थ्य भवन में आग लगने से काफी दस्तावेज राख हुए।
-5 अगस्त 2015 को स्वास्थ्य भवन के ही डीजी हेल्थ दफ्तर में आग लगी।
-7 सितंबर 2015 को अपट्रॉन बिल्डिंग और 8 अक्टूबर 2015 को शक्ति भवन के कॉरपोरेट सेक्शन में आग लगी।
-23 नवंबर 2015 को बापू भवन के पांचवीं फ्लोर और 1 दिसंबर 2015 को जिला नगरीय विकास अधिकरण (डूडा) के दफ्तर में भी आग लगी थी।