झांसी: बरौठा इमलौटा गांव में बोरवेल में गिरे निखिल को बचाने के लिए 29 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन नाकाम हो गया। शाम करीब साढ़े सात बजे निखिल को बाहर निकालते ही मऊरानीपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
-मौके पर सीडीओ संजय कुमार और एसपी देहात दिनेश सिंह ने बचाव कार्य की जिम्मेदारी संभाल रखी थी।
-स्थानीय एसडीएम और क्षेत्राधिकारी समेत पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
-जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौके पर जुटे रहे, लेकिन सेना नहीं आ पाई।
-आपदा प्रबंधन टीम और सेना यदि समय पर पहुंच जाती तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
-गांव के लोगों ने गड्ढा खोदकर बच्चे को निकालने का प्रयास किया।
-जेसीबी और पोकलैंड मशीन के सहारे बोरवेल के पास गड्ढा खोदकर बच्चे तक पहुंचने का रास्ता बनाया जा रहा था।
-180 फीट गहरे में बोरवेल में बच्चा 50 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था।
-उसमें गिरने के बाद लगभग दो घंटे तक बच्चे की आवाज सुनाई दी, लेकिन अब आवाज आनी बंद हो गई।
सेना के न आने से निराशा
-पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश पाल के मुताबिक, घटना के समय खेत पर फसल की कटाई का काम चल रहा था।
-परिवार के लोग फसल काटने में लगे थे, जबकि बच्चा खेलते-खेलते बोरिंग में जा गिरा।
-अंदाजा लगाया जा रहा है कि बच्चा 50 फीट की गहराई पर फंसा हुआ है।
क्या है पूरा मामला
-यह घटना झांसी के गरौठा तहसील क्षेत्र के लहचूरा थानाक्षेत्र में स्थित इमलौटा गांव की है।
-बोरवेल में बच्चे की खबर मिलने के बाद स्थानीय एसडीएम, सीओ समेत स्वास्थ्य विभाग और जल निगम के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे।
बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाने की हो रही है कोशिश
क्या कहना है डीएम अजय कुमार शुक्ल?
-मामले में राहत कार्य के लिए सेना के मदद मांगी गई है।
-ऑक्सीजन किट की मदद से बोरबेल में बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश की गई।
नीचे की स्लाइड्स में देखिए, किस तरह की जा रही है बच्चे को बचाने की कोशिश...
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