Flood in UP: बाढ़ विभीषिका से जूझ रहे गांव, सीएम योगी ने किया हवाई सर्वेक्षण
देश के विभिन्न हिस्सों में जारी बारिश और बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं।
Flood in UP: देश के विभिन्न हिस्सों में जारी बारिश और बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रस्तुत है जिलों से बाढ़ पर रिपोर्ट...
गाजीपुर: सीएम योगी ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को वह गाजीपुर जनपद पहुंचे थे। इस दौरान वह एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर पहुंचे और बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया तथा बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गहमर इंटर कॉलेज हैलिपैड पर उतरते ही बाढ़ग्रस्त लोगों से मुलाकात की। इसके बाद बाढ़ के मद्देनजर बचाव कार्यों का जायजा भी लिया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच राहत सामाग्री का वितरण भी किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अफसरों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की। सीएम ने अफसरों को निर्देशित करते हुए कहा की बाढ़ग्रस्त लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इस दौरान सीएम योगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 24 जनपदों के 620 गांवों में बाढ़ का असर है।
उन्होंने कहा की मध्यप्रदेश राजस्थान, हरियाणा से अतरिक्त जल छोड़ने के वजह से ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा की मैं लगातार प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि गाजीपुर जनपद के कुल 32 गांवों मे बाढ़ का असर है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों में ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री वितरण करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक सुनीता सिंह, एमएलसी चंचल सिंह, विधायक डा. संगीता बलवंत, विधायक अलका राय, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष डा. विजय यादव, जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, पप्पू सिंह, प्रवीण सिंह, शशिकांत शर्मा, प्रदीप पाठक आदि लोग मौजूद थे।
चंदौली: बांधों से छोड़ा जा रहा पानी बढ़ा रहा खतरा
चन्दौली जिला में इन दिनों हो रही भारी बारिश से जिले के विभिन्न अंचलों तथा पास के सोनभद्र जिला के बांध जहां लबालब भर गए हैं, वहीं बांधों की सुरक्षा को देखते को देखते हुए गुरुवार को दिन में 2 बजे कई बाधों से पानी छोड़ा गया है। तीन बाधों से एक साथ पानी छोड़ने के कारण लतीफ शाह बांध में उफान आ गया है। जिसके कारण लतीफ शाह बांध से 26270 क्यूसेक पानी लगातार कर्मनाशा नदी में गिराया जा रहा है।
बताते चलें कि लतीफ शाह बीयर से पानी गिरने के कारण कर्मनाशा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं बाधों की सुरक्षा को देखते हुए सोनभद्र जिला के नगवा बांध से 15000 क्यूसेक, नौगढ़ बांध से 13500 क्यूसेक तो मूसाखंड बांध से 25008 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। इसके चलते लतीफ शाह बीयर से 26217 क्यूसेक पानी कर्मनाशा नदी में बहाया जा रहा है। बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद कर्मनाशा व चंद्रप्रभा नदियों में उफान आ गया है, जिससे तटवर्ती गांव में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। लोग चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं। यह पानी यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में तबाही मचाते हुए बिहार में भी तबाही मचाएगा।
लतीफ शाह बीयर से लगातार पानी गिरते रहने से बांध के इर्द-गिर्द मनोहारी दृश्य देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि इस नैसर्गिक छटा को देखने के लिए लतीफ शाह बांध पर सैलानी बरबस ही खींचे चले आ रहे हैं। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बांध के इर्द-गिर्द पुलिस का पहरा बैठा दिया है और प्राकृतिक छटा का आनंद उठाने के लिए इस पिकनिक स्थल पर आने वाले सैलानियों को पानी से दूर रह कर ही पूरी तरह से इसका लुत्फ उठाने की सलाह दी जा रही है।
इसके पहले लतीफ शाह बांध पर सैलानियों द्वारा नहाने के दौरान कई दुर्घटनाएं घट चुकी है, जिसमें लोगों की जान भी चली गई है। इसको देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है और सैलानियों को दूर से ही छटा का आनंद लेने के लिए निर्देश दिया है, कोई बांध में जाकर स्नान नहीं कर सकता।
जौनपुर: गोमती का बढ़ा जलस्तर, डीएम और विधायक ने किया निरीक्षण
गंगा में आयी बाढ़ का असर अब गोमती में नजर आने लगा है। विगत दो दिनों से गोमती के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके चलते नदी के किनारे तराई इलाकों में लगी फसलें डूबने लगी हैं। हालांकि गोमती अभी खतरे के निशान से लगभग एक फिट नीचे है फिर भी प्रशासन गोमती के बढ़ते जल स्तर को देखकर सतर्क हो गया है। तराई इलाकों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अधीनस्तों को राहत कार्य करने का आदेश जारी कर दिया है।
यहां बता दें कि गोमती नदी गोमत ताल से चल कर जनपद जौनपुर और गाजीपुर की सीमा पर पहुंच कर गंगा में समाहित होती है। इसलिए गंगा में बाढ़ आते ही गोमती जनपद जौनपुर के पूर्वी इलाकों में अपना असर तेजी से दिखाने लगती है। जनपद में सबसे पहले केराकत तहसील के गांव पहले ही बाढ़ की जद में आ जाते हैं। हलांकि बाढ़ का प्रभाव तो पूरे जनपद के निचले इलाकों में नजर आने लगा है, लेकिन केराकत तहसील में बाढ़ किसानों की फसलों को बर्बाद करने लगी है।
गोमती के बढ़ते जल स्तर से केराकत तहसील के तटीय क्षेत्र के गांव सरोज बड़ेवर, नोनमटिया, भीतरी गोपालपुर, जोखुवाना, चकरारेत नरहन मसौड़ा, बेहड़ा, फुटहिया पार, गोबरा, महादेवा आदि गांवों में पानी घुस गया है। ग्रामीण अब सुरक्षित ठिकाना तलाशने लगे है। गोमती के साथ साथ सई नदी भी अपने विकरालता की ओर बढ़ रही है। इसका भी पानी तटीय इलाकों की फसलों के लिए तबाही बनता जा रहा है।
जिले में बाढ़ की विभीषिका को देखकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और केराकत विधायक दिनेश चौधरी ने बाढ़ इलाकों का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को शख्त आदेश दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित करते हुए तत्काल खाद्यान्न आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। नाव एवं प्रकाश आदि की व्यवस्थायें करायी जायें। पीड़ित परिवारों को तुरन्त स्कूल में रहने की व्यवस्था की जाए। साथ ही बाढ़ से प्रभावित फसलों का आकलन कर रिपोर्ट जल्द से जल्द मुख्यालय भेजी जाये। इसके अलावा प्रतिदिन बाढ़ की अपडेट देने का निर्देश दिया है।
जनपद मुख्यालय पर बाढ़ का असर यह है कि नदी के किनारे बने सभी घाटों पर बाढ़ का पानी हिलोरें लेने लगा है। नदी में मिलने वाले नालों के रास्ते बाढ़ का पानी शहर के मुहल्लों की तरफ बढ़ने लगा है। अनुमान है कि एक से डेढ़ फिट नदी का जल स्तर बढ़ते ही शहर का बदलापुर पड़ाव का इलाका सबसे पहले जल मग्न हो जायेगा। इस इलाके के लोग पानी आने से पहले अपने सामानों और रहने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश शुरू कर दिये है। पीली नदी भी धीरे धीरे अपने विकरालता की ओर बढ़ रही है इस नदी पर बना रपटा पुल टूट जाने से आम जनता का आवागमन बन्द हो गया है। दुगौली खुर्द, ठेगुआ, तियरा, इमामीपुर, रामीपुर, मेढ़ा, बहरीपुर, रताशी, फिरोजपुर सहित दर्जन भर गांव के ग्रामीण पुल टूटने से संकट की स्थिति में आ गये है।
बलिया: सीएम योगी ने 50 बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का किया वितरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को जनपद में हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति को देखा। इसके बाद उन्होंने नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय में 50 बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया। उन्होंने विद्यालय के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत व बचाव कार्य की समीक्षा की। बैठक में मौजूद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी, राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने आवश्यक सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि तिरपाल की आपूर्ति बढ़ाकर हर जरूरतमंदों में वितरण किया जाए। इसकी कमी नहीं होनी चाहिए। राहत सामग्री की आपूर्ति भी बढ़ाने के निर्देश दिए। विद्युत विभाग को निर्देश दिए कि जहां बिजली काट दी गयी है, वहां जनरेटर, बैट्री आदि के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था व मोबाइल चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। राहत सामग्री वितरण में विलम्ब नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कंट्रोल रूम का संचालन ठीक ढंग से होता रहे। वहां आने वाली सूचना पर तत्काल रिस्पांस दिया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग हमेशा होती रहे, ताकि चोरी की शिकायत नहीं मिले। उन्होंने कहा कि फसल क्षति का सर्वेक्षण कराकर हर किसान को मुआवजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी, राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल, सांसद सलेमपुर रविन्द्र कुशवाहा, राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर, विधायक बैरिया सुरेंद्र सिंह, विधायक सिकंदरपुर संजय यादव, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, डीआईजी अखिलेश कुमार, जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी राजकरन नैय्यर सहित अन्य अधिकारी थे।
बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य में प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है। बलिया में गंगा, सरयू, टोंस नदी के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। बाढ़ की चपेट में यहां 112 राजस्व ग्राम है, लेकिन आबादी के रूप में देखा जाए तो 34 गांव की 141450 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की जल पुलिस एवं लोकल गोताखोर व नाविकों के माध्यम से सुरक्षित आवागमन व राहत बचाव कार्य सुनिश्चित कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनान्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण एवं राज्य सरकार की तरफ से प्रत्येक जनपद में पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध कराकर वितरित की जा रही है। हर बाढ़ पीड़ित को 10 किग्रा चावल, 10 किग्रा आटा, 10 किग्रा आलू, 10 किग्रा सूखा चना, भूजा, लाई के अलावा मिर्च-मसाला, नमक, मोमबत्ती आदि आवश्यक सामग्री दी जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि मिट्टी तेल भी उपलब्ध कराया जाए। जहां मिट्टी तेल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है कि वहां के लिए निर्देश है कि पेट्रोमेक्स या जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए।
उन्होंने कहा कि पानी से घिरे या इधर-उधर रह रहे बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थल पर राहत शिविरों में पहुंचाने के साथ उनको फूड पैकेट, सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। पशुओं का टीकाकरण एवं उनको चारा के लिए युद्धस्तर पर भूसा वितरण के भी निर्देश दिए। जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए भी स्वास्थ्य विभाग व पंचायती राज विभाग पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराए। मेडिकल टीम लगातार भ्रमण करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने में बलिया में बेहतर काम हुआ। अब यहां एक भी कोरोना के केस नहीं है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता का यहां किया गया प्रयास सराहनीय है। फेफना में बन रहा 100 बेड का आधुनिक सुविधाओं सहित सीएचसी व 10 बेड के पीआईसीयू वार्ड के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की। वैक्सीनेशन के कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाने और सभी सम्बन्धित को इससे जोड़ने की कार्यवाही लगातार जारी रहे। उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना महामारी के साथ-साथ इस बाढ़ की आपदा पर भी नियंत्रण प्राप्त करने में यहां का प्रशासन व राहत कार्य से जुड़े लोग सफल होंगे।
गाजीपुर: सदर विधायक ने सीएम से मिल उठाया कटान का मामला
गाजीपुर जनपद में आये बाढ़ के वजह से लगभग 32 गांव प्रभावित हैं। बाढ़ की वजह से इन इलाकों में रहने वाले लोग काफी तकलीफों का सामना कर रहे हैं।यही नहीं बाढ़ की वजह से पशुओं को भी चारा नसीब नहीं हो पा रहा है। क्योंकि बाढ़ आने की वजह से खेत नदी में तब्दील हो चुका है। इनमें लगे चारे बाढ़ के पानी में डूब चुका है।
बाढ़ पीड़ित लोग पशुओं के साथ पलायन करने को मजबूर हो चुके हैं। वहीं बाढ़ आने की वजह से करंडा में कटान भी तेजी के साथ हो रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर गाजीपुर सदर से लोकप्रिय विधायक संगीता बलवंत ने गाजीपुर दौरे पर आये मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस समस्या से अवगत कराया। लोकप्रिय विधायक संगीता बलवंत ने बताया की करंडा क्षेत्र के चार स्थान गोसन्देपुर काली मंदिर, नटवा बाबा, दीनापुर नहर पुलिया, दीनापुर उच्च प्राथमिक विद्यालय पर लोग शिविर बना कर रहने को मजबूर है। विधायक ने न्यूजट्रैक से बात करते हुए कहा की हाऊस टैक्स में रियायत सम्बंधित समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया उन्होंने कहा कि लम्बे समय से चल रही कर वृद्धि से अवगत कराते हुए हाऊस टैक्स में रियायत देने की मांग उठाई।
सदर विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ग्रस्त इलाकों का लगातार दौरा किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित के बीच राहत समाग्री लगातार पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने स्तर से भी बाढ़ग्रस्त लोगों का हर संभव मदद कर रही हूं।उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते ये मेरा फर्ज बनता है, कि मुशीबत में लोगों के काम आऊं।