लखनऊ: आशियाना गैंगरेप में मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला के पिता पर भी आशियाना थानें में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि आरोपी के परिवार द्वारा बार-बार कोर्ट को गुमराह करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गौरव शुक्ला को नाबालिग साबित करने की कोशिश की गई।
इस मुकदमे से एक तरफ जहां गौरव शुक्ला पर शिकंजा कसेगा वहीं उसके पिता कैलाश शंकर शुक्ला भी कानूनी कार्यवाही के दायरे में आ गए हैं।
पीड़िता के पिता ने की थी शिकायत
-फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले की शिकायत पीड़िता के पिता ने आईजी लोक शिकायत से की थी।
-जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद आईजी लोक शिकायत के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया है।
-11 साल पहले हुए आशियाना गैंग रेप के मामले में गौरव शुक्ला को घटना के वक्त नाबालिग साबित करने के सैकड़ों जतन किये गए।
-बार-बार उसकी फर्जी मार्कशीट समेत कई फर्जी कागज पेश किए गए।
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छः स्कूल के प्रिंसिपल की गवाही के बाद साबित हुआ बालिग
-किशोर न्याय बोर्ड में गौरव शुक्ला को बालिग साबित करने के लिए छः स्कूल के प्रिंसिपल से लेकर प्रबंधक और सहायक टीचरों की गवाही हुई थी।
-जिससे इस बात का खुलासा हुआ कि गौरव शुक्ला को नाबालिग साबित करने के लिए किस तरह से फर्जी दस्तावेजों का खेल हुआ था।
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बाप बेटे पहली बार आए कानूनी शिकंजे में
-पहली बार आशियाना गैंगरेप के आरोपी बाप बेटे कानूनी शिकंजे में आए हैं।
-एसएसपी राजेश पाण्डेय ने बताया कि पीड़िता के पिता ने अपनी तहरीर पर गौरव शुक्ला और उनके पिता कैलाश शंकर शुक्ला को आरोपी बनाया है।
क्या था पूरा मामला
-2 मई 2005 की रात जब एक नाबालिग किशोरी घरों में झाडू-पोछा लगाकर अपने भाई के साथ घर लौट रही थी।
-तभी आशियाना इलाके के नागेश्वर मंदिर के पास पराग डेरी की तरफ से एक सेंट्रो कार आकर रुकी।
-कार से उतरे तीन लड़कों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में घसीट लिया। किशोरी का भाई चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
-इस दौरान दरिंदो ने किशोरी को हवस का शिकार बनाते हुए उसके साथ सामूहिक रेप किया हया।
-जब किशोरी ने विरोध किया तो दरिंदों ने उसे सिगरेट से दागा।