पूर्व मंत्री, पार्षदों और भू-माफियाओं का गठजोड़, यहां बना दीं 153 अवैध कालोनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में जीडीए के इंजीनियरों की अनदेखी से 153 अवैध कालोनियां विकसित हो गई हैं।

Update:2020-08-24 19:32 IST
पूर्व मंत्री, पार्षदों और भू-माफियाओं का गठजोड़, यहां बना दीं 153 अवैध कालोनी

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में जीडीए के इंजीनियरों की अनदेखी से 153 अवैध कालोनियां विकसित हो गई हैं। नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में सवाल किया तो गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की नींद टूटी।

तीन साल की जेल

जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह ने 153 कालोनियों को चिन्हित कर इसे विकसित करने वाले कालोनाइजर और भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) को पत्र लिखा है। इन कालोलाइजर पर परियोजना लागत का दस फीसदी तक जुर्माना लग सकता है। कालोनाइजर को तीन साल की जेल भी हो सकती है।

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शासन की सक्रियता बढ़ी

अवैध कालोनियों को वैध करने को लेकर शासन की सक्रियता बढ़ी है। इसी क्रम में शासन की तरफ से नई शमन नीति 2020 भी लाई गई है। ऐसे में जीडीए ने 153 अवैध कालोनियों की सूची तैयार कर रसूखदार कालोनाइजर के पेशानी पर बल ला दिया है। जीडीए की सूची में शहर का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां अवैध कालोनियां विकसित नहीं हुई हैं। सर्वाधिक अवैध कालोनियां गोरखनाथ रोड, पिपराइच रोड, मेडिकल रोड, देवरिया रोड, देवरिया बाईपास रोड, बिछिया, पादरी बाजार, कूड़ाघाट, कुशीनगर रोड पर हैं।

जीडीए ने कालोनाइजर के रूप में एक मनोनीत पार्षद का भी नाम दिया

जीडीए ने जिन 153 कालोनियों की सूची रेरा को सौंपी है, उन कालोनियों को पूर्व विधायक, प्रमुख बिल्डरों, प्रापर्टी डीलरों, पूर्व और वर्तमान पार्षदों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने विकसित किया हैं। जीडीए ने कालोनाइजर के रूप में एक मनोनीत पार्षद का भी नाम दिया है। इनमें कई ऐसे कालोनाइजर हैं, जिन्होंने 12 से 20 कालोनियां विकसित की हैं। जीडीए की सूची के मुताबिक, अवैध कालोनियों को विकसित करने में 100 से अधिक कालोनाइजर की भूमिका है।

100 से अधिक कालोनाइजर की भूमिका

इनमें वीके शाही, प्रेम सिंह पप्पू बाबू, हनीप, अफजल और विमल सोनकर, अवधेश श्रीवास्तव, शोभित अग्रवाल, बृजेश सिंह, विमल चंद अग्रहरि, नंद दास, धर्मदेव चौहान, छेदी जायसवाल, राम किशुन, रामज्ञा, रवि और नरेन्द्र चौधरी, रामप्रीत चौहान, रामज्ञा चौहान, दिग्विजय सिंह, विजय कुशवाहा, पूजा जोशी, मिठाई लाल, मनोज सिंह, राम मिलन, सुरेश निषाद, रामजी चौहान, गिरधारी सोनकर, मोविन खान, सूरज सिंह, संजय अग्रवाल, अमन, अच्छे लाल गुप्ता, शेखर, राजू, कैलाश, संजीव श्रीवास्तव, अनिल यादव, गोलू, सुनीता सिंह, नारायण गुप्ता, राम सिंह, इंशान अली, हवलदार यादव,

इन नामों के आलावा....

राम सेवक निषाद, चन्द्रावती देवी, हनुमान, उमेश यादव, हरिशंकर, मथुरा प्रसाद बरनवाल, प्रशांत जोशी, जगदीश यादव, शंकर, शंभू गुप्ता, दीपक अग्रवाल, राम सिंह, जितेन्द्र जायसवाल, अशोक कुमार उपाध्याय, वीरेन्द्र पासवान, किस्मती, हनुमान, सुदामा, राम नगीना मौर्या, मुरारी निषाद, रामसेवक निषाद, बजरंगी, मुखराम सिंह, भोला सिंह, नाटे, रियाजुद्दीन, अनीश, सतीश, विश्वनाथ, विमल अग्रहरि, राजकुमार, दिलशाद, अरविन्द कुमार यादव, दिलीप मजेठिया, अमेरिका यादव,

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...आदि के नाम प्रमुख हैं

मनोज तिवारी, मुन्ना मल्ल, ओम प्रकाश पांडेय उदय तिवारी, देवेन्द्र कुमार मौर्या, सत्या पांडेय, कलीम, बेचन प्रसाद, कोदई, बच्चा लाल, कमरूल्लाह, कलूट, अशोक यादव, छोटे लाल, विनोद मौर्या, ताहिर बंटी, दुर्गेश यादव, छोटू तिवारी, प्राद गुप्ता, विनय अग्रवाल, बबलू, पावस चौधरी, भरत राव, प्रकाश मिश्रा, शैलेष यादव, रमन शर्मा, मिथिलेश सिंह, गोरक्ष मिश्रा आदि के नाम प्रमुख हैं।

लापरवाही की जवाबदेही की सुनिश्चित

जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि शहर के विकसित 153 अवैध कालोनियों की सूची 21 अगस्त को रेरा को भेज दी गई है। सूची में कालोनियों के नाम के साथ विकसित करने वाले कालोनाइजर का भी ब्यौरा है। रेरा इनके साथ खिलाफ जुर्माने के साथ ही तीन साल की सजा भी मुकर्रर कर सकता है। स्थानीय स्तर पर कालोनियों के विकसित होने के दौरान हुई लापरवाही की जवाबदेही की सुनिश्चित की जाएगी।

आंखें मूंदे रहे इंजीनियर, खड़े हो गए 10 हजार मकान

जीडीए उपाध्यक्ष ने कालोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ भले ही रेरा को पत्र लिखा हो लेकिन खुद उनके इंजीनियरों पर भी सवाल है। जीडीए ने जिन कालोनियों की सूची जारी की है, उनमें 10 हजार से अधिक मकान बने हुए हैं। इसका मतलब साफ है कि इन मकानों का मानचित्र जीडीए से स्वीकृत नहीं है।

उठ रहे सवाल

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब अवैध कालोनियों में मकान बन रहे थे तो जीडीए की इंजीनियर क्यों आंख मूंदे हुए थे। लोगों का सवाल है कि जब इन कालोनियों को विकसित करने वाले और मकान बनवाने वाले दोषी हैं तो जीडीए के इंजीनियरों को कैसे क्लीन चिट दी जा सकती है।

25 कालोनीनियों को 15 साल से वैध होने का इंतजार

जीडीए ने वर्ष 2005 में ईस्टर्नपुर कालोनी, आर्यनगर, विवेकानंदपुरी, नगर कालोनी, गायत्री नगर लालगंज, झरना टोला, मौर्या टोला, नंदानगर दरगहिया, सैनिक कुंज, सैनिक विहार विस्तार, विवेकानंद नगर, आदर्श नगर कालोनी, विवेक नगर, शांति नगर, मुलायम नगर, गोरक्षनगरी, महादेवपुरम बशारतपुर पूर्वी, शक्ति नगर, शिवाजी नगर, शक्तिनगर, शुभम कालोनी, राजीव नगर, पार्वती नगर, साकेत नगर व सिद्धार्थ नगर को अवैध कालोनी बताया था। इन कालोनियों को वैध करने की कवायद 15 वर्षों से चल रही है। नई सूची में कुछ पुरानी कालोनियां भी शामिल हैं।

जीडीए द्वारा चिन्हित अवैध कालोनियों की सूची

जोन एक कॉलोनी में से ...

1(क)-आदित्यपुरम-तरहवा, शेख बहादुर अली शाह मोहरीपुर, उमापुरी बरगदवा, बजरंग कालोनी बरगदवा, संकट मोचन नगर माधोपुर, मनमोहन माधोपुर बंधे के पास, ग्रीन सिटी-2, विनायक नगर नथमलपुर, हरीकृष्ण नगर टैगोर टाउन के पास, टैगोर टाउन, लच्छीपुर दस नंबर बोरिंग के पास, द्वारिकापुरी बरगदवा, गणेशपुरम प्रथम द्वितीय।

1(ख)- गायत्रीपुरम द्वितीय नकहा नकहा नंबर एक, चमनगंज नकहा नंबर एक, राजीव नगर बशारतपुर, चन्द्रगुप्त नगर बशारतपुर, हरीद्वारपुरम बशारतपुर, हरीद्वारपुरम द्वितीय, चन्द्र विहार कालोनी, कृष्णानगर प्राइवेट कालोनी, प्रोफेसर कालोनी रामजानकी नगर, कौशलपुरम रामजानकी नगर, हरिहरपुरम, इन्द्रप्रस्थ कालोनी, करीमनगर उर्फ पोखरभिंडा, मिलियम सिटी द्वितीय, शिवाजी नगर।

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जोन 2- कॉलोनी से ....

2(क)-शक्तिनगर बशारतपुर पूर्वी, महादेवपुरम, सुशांत सिटी जंगल धूषण, गांधी नगर हरिसेवक पुर, सुभाषिनी नगर, जंगल धूषण, बशारतपुर, हनुमंत नगर, लतीफ नगर, महावीरपुरम, पवनपुरम, रेल विहार/साईधाम कालोनी हरसेवकपुर, हैदरगंज, कमलानगर सेमरा नंबर एक, पार्वतीपुरम, नारायण नगरी, लक्ष्मीनगर, मायानगरी, तारानगरी, द्वारिकापुरम सेमरा, स्नेह सिटी सेमरा।

2(ख)-ईस्टनपुर कालोनी, आर्यापुरम, विवेकानंदपुरी, श्रीराम नगर कालोनी, गायत्रीनगर लालगंज, मौर्या टोला, नंदानगर दरगहिया, सैनिक कुंज, सैनिक विहार विस्तार, काशीपुरम, आदर्श नग, राहुल नगर अकोलवा, पवन विहार, बेनाम कालोनी, मैत्रीपुरम कालोनी, सरस्वतीपुरम, नारायण पुरम, जंगल हकीम नंबर दो, विश्वनाथपुरम, सैनिक विहार, पवन बिहार, आकाश विहार गेट, नंदानगर, मुक्तेश्वर नगर सिघासनपुर, तुलसीपुरम, काशीपुरम, सर्वोदय नगर, खुद्दी टोला, झरना टोला, गायत्रीनगर, राहुल नगर, विवेक नगर, मोहम्मद नगर कालोनी, आमिना नगर, मीरापुरम कालोनी, जनकीपुरम।

जोन 3- कॉलोनी से

3(क)-बहादुर शाह जफर कालोनी बहरामपुर, माईिधया इलाहीबाग, समेर सागर।

3(ख)-मुंडेरी चक, मुंडेरी चक दो, चकरा अब्वल।

जोन 4- कॉलोनी से

4(क)-स्वर्ण सिटी, स्वर्ण सिटी दो, कबीरनगर, कबीर नगर दो, मजिठिया श्रवण नगर, मजिठिया श्रवण नगर दो, मजिठिया श्रवण नगर तीन, मजिठिया श्रवण नगर चार, मजिठिया श्रवण नगर पांच, मजिठिया श्रवण नगर छह, जंगल सिकरी खोराबार, जंगल सिकरी दो, जंगल सिकरी तीन, वंश राजपुरम, वंशराजपुरम दो, वंश राजपुरम तीन, जंगल सिकरी खोराबार एक, जंगल सिकरी खोराबार दो, रानीडिहा, रानीडिहा दो, रानीडिहा तीन, आरके पुरम, आरके पुरम दो, आरके पुरम तीन।

4(ख)-विवेकपुरम कालोनी, प्रयागपुरम कालोनी, पथरा कालोनी, महुईसुधरपुर, सिद्धार्थनगर, पार्वतीपुरम, साउथ बेतियाहाता, महेवा, शक्तिनगर, साकेत नगर, राजीव नगर, अश्वमेध नगर, बुद्ध विहार, चिलमापुर, न्यू शिवपुरी कालोनी, शिवाजी नगर।

4(ग)-गोकुल नगरी रामपुर उर्फ चकरी, गोरखधाम रामपुर चकरी, डिभिया महादेव झारखंडी टुकड़ा नगर एक, मून इन्फ्रासीट रामपुर उर्फ चकरी, शैलम सिटी, शिव नगरी जंगल सिकरी खोराबार, राधे गोविन्द सिटी, सिक्टौर जूही इन्क्लेव, राम अवध नगर जंगल सिकरी, अल्कापुरी सिक्टौर, मालवीय नगर कौशलपुर, अभिषेक नर्ग, गोरक्षपुरम, भरवलिया।

रिपोर्ट: पूर्णिमा श्रीवास्तव

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