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हाई अलर्ट पर भारत: आतंकियों ने हमले के लिए चुना ये, इन लोगों को बना रहे गुलाम

भारत की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों के पास अपराध और साजिश की नई जानकारी सामने आई है। भारतीय सेना और एजेंसियों के चौकन्नें होने की वजह से पाकिस्तान की आईएसआई और तमाम आतंकी संगठन भारत में किसी भी साजिश को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं।

Newstrack
Published on: 24 Aug 2020 11:03 AM GMT
हाई अलर्ट पर भारत: आतंकियों ने हमले के लिए चुना ये, इन लोगों को बना रहे गुलाम
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हाई अलर्ट पर भारत: आतंकियों ने हमले के लिए चुना ये, इन लोगों को बना रहे गुलाम

नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों के पास अपराध और साजिश की नई जानकारी सामने आई है। भारतीय सेना और एजेंसियों के चौकन्नें होने की वजह से पाकिस्तान की आईएसआई और तमाम आतंकी संगठन भारत में किसी भी साजिश को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए ये आतंकी संगठन अब नई चाल चलने की फिराक में हैं। देश में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आईएसआईएस और आतंकी संगठन अब स्थानीय गैंगस्टरों को हमला करने की जिम्मेदारी दे रहे हैं।

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हमलों को अंजाम देने के लिए

बीते कुछ दिन पहले चंडीगढ़ की खुफिया एजेंसी ने सभी खुफिया एजेंसियों को आतंकवादियों और बदमाशों के बीच गठबंधन और स्थानीय कनेक्शन के संबंध को लेकर चौकन्ना किया। ऐसे में तमाम गैंगस्टर्स के नाम देते हुए, इंटेलिजेंस विंग ने अन्य इकाइयों को सतर्क किया कि आईएसआई और आतंकवादी संगठन इन गैंगस्टरों के संपर्क में हैं और उन्हें भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मा सौंप रहे हैं।

इस बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दावा किया कि ऐसी संभावना है कि आईएसआई इन स्थानीय लेकिन अत्यधिक प्रभावशाली गैंगस्टरों के संपर्क करने की कोशिश कर सकती है या इनके संपर्क में है।

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5 बदमाशों को काम सौंपा

ऐसे में कुछ दिन पहले जारी अलर्ट में, केंद्रीय खुफिया एजेंसी की पंजाब इकाई ने अलर्ट किया था, कि आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों ने कुछ नेताओं को निशाना बनाने के लिए 5 बदमाशों को काम सौंपा था। फिलहाल, 5 में से 2 गैंगस्टर गायब हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है, जबकि अन्य 3 पंजाब की विभिन्न जेलों में कैद हैं।

साथ ही एक अधिकारी के मुताबिक, इस नई रणनीति के पीछे कारण यह है कि आईएसआई की रीढ़ की हड्डी जो स्थानीय स्लीपर सेल है, लगभग समाप्त हो गई है या काम करने से इनकार कर रही है क्योंकि उन्हें सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने का डर है।

वहीं इसके अलावा, स्थानीय स्लीपर सेल को नियंत्रित करने के लिए शायद ही कोई शीर्ष स्तर का कमांडर है। क्योंकि स्थानीय गैंगस्टर आसानी से सामग्री एकत्र कर सकते हैं और राज्यों में आतंकी हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

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