गाजीपुर में लाशों का मिलना जारी, दो दिनों में मिले गंगा में 438 शव
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में सरकार और सिस्टम की लापरवाही खुलकर सामने आने लगी है
गाजीपुरः वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में सरकार और सिस्टम की लापरवाही खुलकर सामने आने लगी है। इस लापरवाही की वजह से अस्पतालों से लेकर बाजारों तक इतना लूट मच चुका है कि कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवारों के पास शव जलाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं।
तभी तो लोग शवों को जलाने के बजाय गंगा में फेक दे रहे हैं। आये दिन नदी में तैरती हुई लाशें मिल रहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश से सटे बिहार राज्य के बक्सर जिले में गंगा में तैरती हुई सैकड़ो लाशें मिली हैं। यही हाल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में भी देखने को मिला ।
बक्सर में लाशों को नदी में तैरने का सिलसिला थमा भी नहीं था कि बीते दिन ही बक्सर से सटे गाजीपुर जनपद के गहमर थाने क्षेत्र के नदी में 15 से 20 शवों के तैरने का मामला सामने आ गया जो प्रशासन पर उंगली उठाने के लिए काफी है। हालाकि सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके पर पहुंच जानकारी जुटाने में लग गये और तत्काल ही एक पेट्रोलिंग पार्टी को नदी में गश्त करने के लिए भेज दिया। अभी ऐसी और कितनी ही लाशें गंगा में तैर रही हैं। शवों के मिलने के तत्काल बाद ही जिलाधिकारी ने अपील किया कि जिनके पास शव को जलाने के लिए पैसे नहीं है, उनकी मदद की जायेगी।
दो दिनों में तैरते हुए मिल चुके है 438 शव
बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे बसे जनपदों में आये दिन तैरते हुए शवों का मामला सामने आ रहा है। न जाने ऐसे जनपदों में कितने और शव मिले होगे। अगर बक्सर में शोर न मचा होता तो शायद ही किसी को इस बात की जानकारी होती। एक आकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में बीते दो दिनों में नंदगंज से लेकर गहमर तक 438 शव गंगा में तैरते हुए मिल चुके हैं।
अगर यही हाल रहा तो इस भयंकर महामारी को ग्रामीण इलाकों में पूर्ण रूप से फैलने से कोई नहीं रोक सकता। उन इलाकों में ये महामारी और तेजी के साथ फैलेगा जो इलाके नदी किनारे बसे हैं। अगर नदी में तैर रहे शवों के मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो शासन व प्रसाशन के आगे एक बड़ी चुनौती सामने आयेगी।