पूर्वोत्तर भारत हरित क्रांति में इन दो जिलों के किसानों को मुफ्त बोरिंग
श्री शाही ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत हरित क्रांति योजना के अन्तर्गत पूर्व में 14 जनपद आच्छादित थे, जो आगामी वित्तीय वर्ष से बढ़कर 16 हो जायेंगे। जबकि गेंहूं एवं चावल दोनो का उत्पादन करने वाले जनपदों की संख्या 5 से बढ़कर 7 हो जायेगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के अथक प्रयासों से प्रदेश के देवरिया एवं अमेठी जनपद को आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 से पूर्वोत्तर भारत हरित क्रांति योजना के अन्तर्गत चावल एवं गेहूँ के लिये शामिल कर लिया गया है। इससे पूर्व इन जनपदों को एनएफएसएम (नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन) योजनान्तर्गत सुविधायें अनुमन्य हो रही थीं।
श्री शाही ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत हरित क्रांति योजना के अन्तर्गत पूर्व में 14 जनपद आच्छादित थे, जो आगामी वित्तीय वर्ष से बढ़कर 16 हो जायेंगे। जबकि गेंहूं एवं चावल दोनो का उत्पादन करने वाले जनपदों की संख्या 5 से बढ़कर 7 हो जायेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत अब इन जनपदों के किसानों को 12000 रूपये तक की मुफ्त बोरिंग की सुविधा अनुमन्य होगी। साथ ही किसानों को 1000 मी. टन तक के अनाज के भण्डारण हेतु गोदाम बनाने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे वे खाद्यान्न का स्वयं भण्डारण कर सकेंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत हरित क्रांति योजना योजना के अन्तर्गत किसानों को कुछ विशेष कृषि यंत्रों की सुविधा भी अनुमन्य होगी, जिस पर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन कृषि यंत्रों में मुख्य रूप से पम्पसेट, रोटावेटर, सेल्फ प्रोपेल्ड पैडी ट्रांसप्लांटर, मानव चालित स्प्रेयर, नैपसेक स्प्रेयर, पैर चालित स्प्रेयर, पावर नैपसेक स्प्रेयर, पैडी थ्रेशर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर, सीड ड्रिल, जीरो टिल सीड कम फर्टीड्रिल आदि हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त देवरिया एवं अमेठी के किसानों को स्थल विशेष क्रियाकलाप के अन्तर्गत मिनी राईस मिल, आल टाईप आफ क्लीनर कम ग्रेडर, ग्रेडिएन्ट सेपरेटर, स्पेसिफिक ग्रेविटी सेपरेटर फूडग्रेन, पानी लाने हेतु पाइप, स्ट्रॉ रीपर, रीपर कम्बाइन्डर के लिये प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जायेगा।