Meerut News: मेरठ के खादर में गंगा उफान पर, गांवों में बाढ़ जैसे हालात

Meerut News: डीएम ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर विभागीय अफसरों के कसे पेच।

Update:2023-07-14 14:01 IST
Inspection of Flood Affected Areas by DM, Meerut

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ के हस्तिनापुर में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। फतेहपुर में गंगा का तटबंध टूटने से स्थिति भयावह हो गई है। डीएम दीपक मीणा ने हस्तिनापुर बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेते हुए संबंधित विभागीय अफसरों के पेच कसे।

अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड प्रथम मेरठ द्वारा अवगत कराया गया है कि मध्य गंगा बैराज बिजनौर को डाउन स्टीम में मौजूदा गेज खतरे के निशान से 0.100 मीटर नीचे चल रहा है। बैराज से 216418 लाख क्यूसेक पानी का निस्तारण किया जा रहा है। डीएम के साथ दौरे पर मौजूद रहे अपर जिलाधिकारी (वित्त) सूर्यकांत त्रिपाठी ने फतेहपुर में गंगा का तटबंध टूटने की बावत बताया कि जनपद मेरठ में गंगा नदी के किनारे कोई विभागीय तटबंध निर्मित नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा करीब 6 किमी लम्बाई में एक कार सेवा बन्ध निर्माण किया हुआ है। यह तटबन्ध सुरक्षा की दृष्टिगत से साध्य नहीं है और मानक के अनुरुप बना न होने के कारण एवं

गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर के फलस्वरुप यह तटबन्ध फतेहपुर प्रेम गांव के नजदीक कट गया है। जिसके कारण आसपास के 15 गांवों हरिपुर, चामरोद, भागुपुर, कुन्हैड़ा, शेरपुर, हंसापुर, परसापुर, शिरजेपुर दबखेड़ी, राठोरा किला, हादीपुर गावड़ी, बामनोली, लतीफपुर, रुस्तमपुर, भीकुंड, किशनपुर खादर, बहबलपुर, गोकुलपुर, एवं रुपड़ा गांव की जमीन जलमग्न हो गई है।

अपर जिलाधिकारी (वित्त) सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि बाढ़ की वर्तमान स्थिति के दृष्टिगत आबादी के अन्यन्त्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सतत निगरानी पैट्रोलिंग की जा रही है। इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु हस्तिनापुर तटबन्ध निर्माण की एक परियोजना स्वीकृत हो चुकी है। बाढ़काल के पश्चात परियोजना पर कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के निर्माणोंपरांत उक्त 15 गांवों की आबादी व कृषि योग्य भूमि को पूर्णतया सुरक्षा प्रदान हो सकेगी।

अपर जिलाधिकारी (वित्त) के अनुसार हस्तिनापुर क्षेत्र में 6 बाढ़ चैकियां स्थापित हैं, जिसमें सभी को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। कंट्रोल रुम 24 घंटे संचालित हैं। जिसमें राउण्ड-द-क्लाक ड्यूटी लगायी गयी है। बाढ़ के दृष्टिगत पीएसी, एस.डी.आर.एफ. टीम पहले से ही तैनात है। पर्याप्त मात्रा में नाव टीम के पास है। फिर भी इसके अतिरिक्त नाव हेतु वन विभाग व निजी नाविकों से भी समन्वय स्थापित किया गया है। 12 राहत शैल्टर होम चिह्नित हैं। शासन के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गयी हैं। पशुओं के लिए आश्रय स्थल एवं चारा की व्यवस्था की गई है। सभी फील्ड के अधिकारी व कर्मचारी स्थानीय लोगों के सम्पर्क में रह कर जरूरत पड़ने पर यथासंभव मदद के लिए तैयार हैं। जलस्तर पर सतत निगरानी रखी जा रही है। गोताखोर एवं पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं। फिलहाल, अपर जिलाधिकारी वित डीएम, मेरठ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ही डेरा डाले हुए हैं।

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