Prayagraj Flood: नदियों का दिखने लगा रौद्र रूप, मकान पानी में डूबे, कई इलाकों में बाढ़ से बिगड़े हालात
Prayagraj News: गंगा खतरे के निशान से थोड़ी ही दूर है। बीते 24 घंटों में गंगा 65 सेंटीमीटर और यमुना 80 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। जिससे जल्द ही दोनों नदिया डेंजर लेवल को पार कर सकती है।
Prayagraj Flood : प्रयागराज में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा और यमुना ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिससे हजारों घर प्रभावित हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ही संगम स्थित प्राचीन लेटे हुए हनुमान मंदिर भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। हालांकि, एक दिन के ठहराव के बाद दोनों नदियों का जलस्तर फिर से तेज गति से बढ़ रहा है। गंगा जहां खतरे के निशान को पार करने के करीब पहुंच गई है, वहीं यमुना भी डेंजर लेवल को पार करने को बेकरार है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर से कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं।
हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के सामने कई मुश्किलें
बाढ़ प्रभावित इलाके में सबसे ज्यादा परेशानी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को हो रही है। छात्रों का कहना है कि अलग-अलग जिलों से छात्र यहां आकर के पढ़ाई करते हैं। ऐसे में जलस्तर बढ़ने से उनके कमरे तक पानी पहुंच रहा है। इस हालत में वह अपना सामान समेट दूसरी जगह शिफ्ट होने को मजबूर हैं। हालांकि, छात्रों का कहना है कि इस स्थिति में ना तो उन्हें दूसरा कमरा मिल पा रहा और अगर कोई मिल भी गया तो उसका किराया बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में छात्र एक साथ कई मुसीबतों से जूझ रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर
आपको बता दें, कि गंगा खतरे के निशान से थोड़ी ही दूर है। बीते 24 घंटों में गंगा 65 सेंटीमीटर और यमुना 80 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। जिससे जल्द ही दोनों नदिया डेंजर लेवल को पार कर सकती है। ऐसे मे माना जा रहा है कि शहरवासियों की मुसीबत बढ़ना तय है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग दहशत में हैं। साथ ही, तेज हवा के कारण नदियों में उठ रही एक फीट से उंची लहरों को देखकर भी लोग घबराए हुए हैं। लोग अपने घरों में कैद दिखाई दिए।
खुले आसमान के नीचे छतों पर कट रही जिंदगी
newstrack.com की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र छोटा बघाड़ा पहुंची और वहां के हालात का जायजा लिया, तो लोग मुश्किल में अपना जीवन-यापन करते नजर आए। कई लोगों के घरों तक पानी आ चुका है। जिस कारण उन्हें अपनी छत पर शरण लेना पड़ रहा है। आपको बता दें कि, यमुना में केन बेतवा और चंबल का पानी आने से प्रयागराज में स्थिति गंभीर हो रही है। यमुना की तीनों सहायक नदियों से अगले कुछ दिनों तक पानी आना तय है।
आपदा प्रबंधन की टीम प्रयागराज पहुंची
हालांकि, प्रयागराज में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की 36 सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच गई है। टीम के कमांडेंट मनोज शर्मा और निरीक्षक बृजेश कुमार तिवारी के साथ आपदा प्रभारी जगदंबा सिंह ने बातचीत की। बातचीत के बाद आपदा प्रबंधन की टीम बाढ़ से गिरे निचले इलाकों में भेज दी गई है। जानकारों के मुताबिक, दो दिन में खतरे के निशान को दोनों ही नदिया पार कर सकती हैं।