गंगा ने कब्जा किया श्मशान, शवों को करना पड़ रहा घंटों इंतजार

Update: 2016-07-13 11:53 GMT

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वाराणसीः मध्य प्रदेश में जहां बाढ़ ने जिन्दा इंसानो को बेघर कर दिया है तो वही मोक्ष नगरी काशी में शवों को जलाने की जगह भी गंगा ने अपने अंदर समाहित कर लिया है। मोक्ष नगरी के प्रसिद्ध श्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवों की अंत्येष्टि अब एक छोटे से छत पर की जा रही है।

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता को जलाने वाली आग कभी बुझती नहीं हैं। इस श्मशान की धार्मिक मान्यता होने के कारण दूर दराज से भी लोग यहां आकर शवदाह करते है, लेकिन इन दिनों यहां लोगों को शवों के जलने का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। गंगा में बढ़े जलस्तर के कारण ये घाट पूरी तरह से गंगा में समाहित हो चूका है। इससे शवो की अंत्येष्ठी एक छोटे से छत पर की जा रही है।

छत पर शवों का अंतिम संस्कार करने से अंत्येष्ठी करने आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है तो वहीं अब लोगो को ये डर भी सता रहा है कि गंगा अगर इसी तरह अपना दायरा बढाती गई तो इस छत के बाद शवों को जलाने के लिए कहा जाएंगे।

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गंगा में डूबा मणिकर्णिका घाट

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अंत्येष्टि के लिए शव ले जाते हुए

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अंत्येष्टि के लिए शव ले जाते हुए

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अंत्येष्टि के लिए शव ले जाते हुए

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छत पर होता शवदाह

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