नहीं चल सकता पॉक्सो एक्ट के तहत केस, गायत्री प्रजापति ने गैंगरेप मामले में दी चुनौती

Update:2017-06-15 20:08 IST
gayatri prajapati challenges in gang rape case

लखनऊ: सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली महिला की ओर से दर्ज कराए गए केस में संज्ञान लिए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार के मांगने पर उसे जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवायी अब दो हफ्ते बाद होगी।

यह आदेश जस्टिस एसएन शुक्ला की बेंच ने प्रजापति की याचिका पर पारित किया। याचिका में निचली अदालत द्वारा प्रजापति के खिलाफ गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट के तहत केस चलाने के लिए लिये गये संज्ञान के बावत कहा गया कि उनके खिलाफ ये अपराध नहीं बनता है। लिहाजा लिया गया संज्ञान गलत है।

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हालांकि, बहस के दौरान प्रजापति की ओर से वरिष्ठ वकील मृदुल राकेश का तर्क था कि वह केवल पॉक्सो एक्ट लगाए जाने को चुनौती दे रहे हैं। पीड़ित महिला के कलम बंद बयान को आधार बनाकर तर्क दिया गया, कि उसके बयान से प्रजापित के खिलाफ पॉक्सो एक्ट का अपराध नहीं बनता है। लिहाजा पॉक्सो के तहत विचारण ना चलाया जाए।

वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके साही का तर्क था कि पॉक्सो एक्ट लगाने के लिए कलमबंद बयान के अलावा और भी सबूत हैं। लिहाजा उन्हें उक्त मेटीरियल पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाए।

बतातें चलें, कि चित्रकूट की एक महिला ने प्रजापति व उनके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, कि उन लोगों ने खनन का पटटा दिलाने का लालच देकर उस महिला के साथ गैंगरेप किया था। बाद में उसकी बेटी पर भी कुदृष्टि डाली। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में प्रजापति व दो अन्य की मंजूर जमानत खारिज कर दी थी।

 

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