गाजियाबाद: जिले के मोदीनगर में दो 4 सितंबर को 9वीं की छात्रा को अगवा कर हत्या के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 132 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। लाइन हाजिर हुए कर्मियों में 1 एसएसआई 4 एसआई 13 एचएसपी 5 हेड कांस्टेबल 13 महिला कांस्टेबल और 96 कांस्टेबल शामिल हैं। ख़ास बात यह है कि ये सभी पुलिस कर्मी एक ही थाने मोदीनगर के हैं।
दरअसल, 14 दिन पहले मोदीनगर से 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा के अपरहण की तहरीर पर पुलिस ने पूनम की तलाश करनी शुरू की और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। लेकिन एक दिन बाद ही पुलिस ने उन आरोपियों को एक नेता की पैरवी के कारण छोड़ दिया।
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छात्रा के परिवार ने जब एसएसपी से इसकी शिकायत की तो पुलिस ने 14 तारीख को फिर से इन आरोपियों समेत 5 लोगों को फिर गिरफ्तार किया। जिसके बाद सामने आया कि इन्होंने पूनम की हत्या कर उसका शव अतरौली के जंगल मे फेंक दिया था।
क्या था पूरा मामला
मोदीनगर थाना क्षेत्र के उमेश पार्क कॉलोनी में 4 सितंबर से 9वीं की छात्रा लापता थी। छात्रा के परिजनों ने थाना मोदीनगर में जाकर आरोपीयों के खिलाफ नामजद दर्ज कराई थी। जिसके बाद अगले ही दिन पुलिस ने आरोपी हरीओम को हिरासत में लिया था। लेकिन पुलिस ने आरोपी को एक लोकल नेता दीपक वत्स और एक पूर्व प्रधान खडकसिंह की पैरवी के चलते हरीओम को थाने से छोड़ दिया। इस बात की सूचना लापता छात्रा के परिजनों को नहीं थी। जब परिजन लापता बेटी की सूचना लेने के लिए थाने तो पिता को थाने से बैरंग लौटा दिया जाता था। लेकिन जब पिता एसएसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिस ने आरोपी हरिओम समेत छह लोगो को हिरासत में ले लिया।
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उसके बाद आरोपियों ने बताया कि छात्रा की लाश कल्छीना गांव के जंगलों में पड़ा हुआ है। पुलिस को जंगल से छात्रा का कटा हुआ सर और उसका स्कूल बैग बरामद हुआ। बाद में पुलिस ने जंगल से ही छात्रा का बचा हुआ शव भी बरामद कर लिया था।