गाजियाबाद: लाठी-डंडों से पीट-पीटकर बुजुर्ग महिला की हत्या, वजह जान उड़ जाएंगे होश
महिला के बेटे ने टूटी हुई नाली पर सीमेंट से प्लास्टर किया था,लेकिन पड़ोसियों को ये बात पसंद नहीं आई और पत्थर लेकर आ गए।
हागाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नाली के विवाद में बुजुर्ग महिला के सिर पर पत्थर मार दिया गया, जिससे महिला की मौत हो गई। यही नहीं बुजुर्ग महिला के परिवार के अन्य सदस्यों को भी लाठी-डंडों से पीटा गया। वारदात में 2 लोग घायल हो गए हैं।
ये मामला मसूरी इलाके का है। बताया जा रहा है कि इलाके में रहने वाली बुजुर्ग महिला रमजानी के बेटे ने टूटी हुई नाली पर सीमेंट से प्लास्टर किया था। लेकिन पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने इसका एतराज किया। इसी एतराज के बाद विवाद बढ़ गया और पड़ोस में रहने वाले युवक और उसके साथी लाठी-डंडे और पत्थर लेकर आ गए। एक बड़ा सा पत्थर बुजुर्ग महिला रमजानी की तरफ फेंका गया। महिला छत पर खड़ी हुई थी। जैसे ही पत्थर लगा,वो नीचे गिर गयी।अस्पताल ले जाते समय महिला की मौत हो गई।वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए हैं। घटना में महिला का बेटा और एक अन्य युवक भी घायल हुआ है।
परिवार का रो रो कर बुरा हाल
घटना के बाद परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। परिजन भी लगातार पीड़ित के घर पर पहुंच रहे हैं। आसपास के लोगों के बीच भी माहौल गमगीन हो गया है। आरोपी पड़ोसी का पूरा परिवार फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि मोहल्ले के सभी परिवार आपस में मिल जुल कर रहते हैं। लेकिन नाली के विवाद में इस तरह की वारदात के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था।जिसने भी इस घटना को सुना है वह हैरान है। पुलिस का दावा है कि जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मामूली बात पर लोग ले रहे जान
एनसीआर में पहले भी इस तरह की वारदातें सामने आती रही है। जिसमें मामूली बात पर लोग एक दूसरे की जान लेने पर आमादा हो जाते हैं। इससे यह साफ है कि लोगों में गुस्सा कितना बढ़ रहा है। लोगों में धैर्य की कमी देखी जा रही है। यह सुनकर ही काफी हैरानी होती है, कि सिर्फ नाली के सीमेंट को लेकर हुआ विवाद इतना बढ़ गया,कि एक महिला की जान चली गई।ऐसे विवाद बैठकर भी सुलझाए जा सकते हैं। लेकिन आमतौर पर एनसीआर की सड़कों पर भी मामूली गाड़ी की टक्कर के बाद गोली चलने तक की वारदातें सामने आती रही हैं, जो काफी हैरान करती हैं। ऐसा लगता है कि एनसीआर में इंसानी जान को लोग धैर्य खो कर बेहद मामूली समझने लगे हैं।