Ghazipur: बाराचवर ग्राम पंचायत की जमीनों व गांव की गड़हियों पर अवैध कब्जा जारी, जिला प्रशासन बेखबर

Ghazipur: गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील के गांव बाराचवर में ग्राम पंचायत की जमीनों और गांव की गड़हियों पर अवैध कब्जा जारी है।

Report :  Network
Update: 2022-06-13 14:29 GMT

बाराचवर ग्राम पंचायत की जमीनों व गांव की गड़हियों पर अवैध कब्जा।

Ghazipur: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जे को लेकर काफी सख्त हैं। अवैध कब्जा शहरों में नगर निगम, जिला पंचायत, जिला परिषद या गांवों में ग्राम पंचायतों की जमीनों पर ही क्यों न हो, उन्हें अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाने को जिला प्रशासन को कड़े निर्देश हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से ही अतिक्रमण पर बाबा का बुलडोजर जम कर चल रहा है। अबतक भू-माफियाओं की जमीनों पर चल रहा यह बुलडोजर अब गांवों की तरफ भी चल पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का प्रदेश के सभी डीएम और एसपी को कड़े निर्देश हैं कि सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को बिना किसी भेदभाव के खाली करवाए जाएं। अतिक्रमणकारी चाहे किसी भी जाति या मजहब का हो उसे कोई रियायत न बरती जाए। अपने आदेशों में उन्होंने कहा है कि सरकारी तालाब और गांव की गड़हियों और ग्राम पंचायत की जमीनों से अवैध कब्जे हटाए जाएं और अतिक्रमण कारियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन पर मुदमें चलाए जाएं। लेकिन इन सब आदेशों के बावजूद गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद तहसील (Mohammadabad Tehsil of Ghazipur District) के गांव बाराचवर में गांव की गड़हियों पर पक्के निर्माण बदस्तूर जारी हैं। उल्लेखनीय है कि बारचवर में ही ब्लॉक बाराचवर का मुख्यालय भी है।


गांव की गड़हियों में पक्के निर्माण

अतिक्रमण की बात करें तो बाराचवर में ग्राम पंचायत की जमीनों और गांव की गड़हियों पर निरंतर कब्जा जारी है। यदि बात करें अवैध कब्जे की तो खसरा नं: 509, गड़ही जिसका कुल रकबा 23 मंडा से अधिक है, को लोगों की तरफ से मिट्टी डाल कर भरा जा रहा है। यह गड़ही गांव के दक्षिण तरफ है। गड़ही को मिट्टी डाल कर भरने के साथ ही इमें कई पक्के तो कई कच्चे निर्माण हो चुके हैं और नए निर्माण हो भी रहे हैं। खास बात यह है कि खसरा नं: 509 की गड़ही में गांव की आधे से अधिक घरों के सीवर का पानी भी इसी गड़ही में जाता है। बावजूद इसके भविष्य में पानी निकासी की होने वाली परेशानियों को नजरअंदाज कर गड़ही पर अतक्रमण जारी है।

पोखरी सती माई पर भी अतिक्रमण की मार

इसी तरह गांव की सती माई की गड़ही जो सरकारी कागजों में पोखरी के नाम से दर्ज है, वह भी अतिक्रमण के वजह से सिकुड़ने लगी है। पोखरी सती माई का कुल रकबा करीब चार मंडा है। इस पोखरी में भी गांव के लोगों के घरों का गंदा पानी और बरसाती पानी एकत्र होता है, लेकिन आसपास के लोगों की ओर से पोखरी को मिट्टी डाल कर लगातार भरा जा रहा है।

उत्तर बस्ती गड़ही का खत्म हो चुका है वजूद

सरकारी कागजों में गाटा नंबर 284 से दर्ज इस गड़ही का कुल रकबा करीब तीन मंडा 12 धुर है। इस गड़ही हो भी लोगों द्वारा पूरी तरह से भर दिया गया है और इसपर पक्का निर्माण कर गड़ही का अस्तीत्व ही खत्म कर दिया गया है। खसरा नंबर 284 की इस गड़ही को कब्जा मुक्त करवाने के लिए बाराचवर गांव के ही शिकायतकर्ता राम प्रताप ग्राम पंचायत, ब्लाक और तहसील स्तर तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतकार्त राम प्रताप का कहना है कि हर बार उन्हें आश्वासन दे कर लौटा दिया जाता है। जन्म से ही दृष्टि बाधित राम प्रताप का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार अतिक्रमण हटाने की बात करती हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी अतिक्रमण के मामलों को दबाने में लगे रहते हैं।


गड़ही गाटा नं : 495

सरकारी दस्तावेजों में दर्ज गड़ही गाटा नं: 495 भी अतिक्रमण की मार झेल रही है। यह गड़ही बाराचवर गांव के खरीहान में हैं। इसका कुल रकबा 7.3 मंडा है। इस गड़ी में भी इस मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घरों का गंदा और बरसाती पानी एकत्र होता है। लेकिन अतिक्रमण के वजह से इस गड़ही का रकबा भी सिमट कर छोटा हो गया है, और आने वाले समय में इस गड़ही का अस्तीत्व भी अन्य गड़हियों की तरह ही खत्म हो जाएगा।

पोखरा भीटा शाहपुर देवाजीत

उत्तर प्रदेश सरकार के रिकार्ड में गाटा नं 44 स, से दर्ज इस पोखरे का कुल रकबा 0.6000 है। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस तालाब के भीटे पर भी अतिक्रमण कारियों की नजर लग गई हैं और उसे गांव समाज की जमीन बता कर बिना किसी पट्टा या अलाट के पक्का निर्माण किया जा रहा है। दुख तो तब होता है जब केंद्र सरकार (Central Government) अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों का पुराना वैभव और उनका महत्व लौटाने के लिए कार्य कर रही है, लेकिन बाराचवर गांव के लोग इस योजना की हवा निकालने में लगे हैं। यही नहीं इसके लिए जितना दोषी गांव के लोग हैं उससे कहीं अधिक ग्राम पंचायत के सदस्य और गांव का प्रधान भी जो सबकुछ जानते हुए अतिक्रमण को नहीं रोक रहा है।

एसडीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही चकरोड की नापी

इसी तरह गांव बाराचवर के रहने वाले रविंद्र कुमार पांडेय पुत्र अंतू पांडेय ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत कंधौरा खुर्द (Gram Panchayat Kandhora Khurd) के तहत आते 35-36 लट्ठा चकरोड़ पर भी कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। रविंद्र पांडेय का आरोप है कि कला कंधौरा ग्राम पंचायत के तहत आते इस चकरोड की नापी के लिए दो बार एसडीएम के आदेश आ चुके हैं। इसके बावजूद नापी नहीं करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि 1076 पर भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इन नंबरों की गड़हियों व पोखरों पर हो चुका है अतिक्रमण सरकारी दस्तावेजों में दर्ज खसरा नंबर 495 क क्षेत्रफल 0.1880, खसरा नंबर 509 क्षेत्रफल 0.5460, खसरा नंबर 284 क्षेत्रफल 0.0810 पर अतिक्रमण हो चुका है।

यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है : BDO

BDO शिवांकित वर्मा (BDO Shivakit Verma) का कहना है कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। यह मामला एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल और जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में है। 

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