लखनऊ: प्रदेश भर में एक अप्रैल से गूगल पर क्राइम मैपिंग शुरू हो है। अब प्रदेश में होने वाले हर अपराध को गूगल पर फीड किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के बारे में डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि इससे एक तरफ जहां पुलिस कर्मियों को भी किसी स्थान पर होने वाले घटना विशेष अपराधों की जानकारी रहेगी वहीं दूसरी तरफ उस स्थान पर आने जाने वाली पब्लिक भी पहले से आगाह रहे और सतर्कता बरते जिससे उसके साथ किसी तरह की अनहोनी होने की संभावना कम हो सके।
क्राइम मैपिंग में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को भी अपलोड किया जाएगा। जिससे महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के पैटर्न को समझा जा सके। पुलिस द्वारा किए जा रहे इस प्रयास को आरंभ करने वाले आईजी पीएसी आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि यूपी पुलिस की यह महत्वाकांक्षी योजना पुलिस को हाईटेक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
अपराध का समय और घटना स्थल तक किया जाएगा अपलोड
-आशुतोष पाण्डेय ने बताया पिछले तीन सालों का क्राइम डाटा आज से गूगल मैप पर डालने का काम शुरु हो जाएगा।
-उन्होंने बताया सभी जोनो में ट्रेनिंग कम्प्लीट हो गई है।
-इसके तहत 5 जोन कवर हो गए हैं क्राइम मैपिंग के जरिए होने वाले अपराध का समय और स्थान गूगल पर अपलोड किया जाएगा।
ऐसे रुकेगा अपराध
-आईजी ने उदाहरण देते हुए बताया आगरा के हरी पर्वत और संजय प्लेस में वाहन चोरी के मामले सबसे ज्यादा होते हैं।
-इसलिए उन इलाकों में गस्त बढ़ाई गई पुलिस ने संदिग्धों पर नकेल कसी तो अपराध नियंत्रण में हो गया।
अपराधी थानों के बॉर्डर पर करते हैं वारदात
-आईजी ने आगरा का उदाहरण देते हुए बताया कि ताजगंज थानाक्षेत्र में सबसे ज्यादा चेन स्नैचिंग की घटना होती हैं।
-अपराधी ऐसी जगह को टारगेट करके वारदात को अंजाम देते हैं जहां पर दो या तीन थानों का बॉर्डर हो।
-आगरा में चांदी लूट की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं।
एडीजी क्राइम होंगे नोडल ऑफिसर
-आशुतोष ने कहा जिन थानों में ज्यादा अपराध हो रहे हैं वहां पुलिस की गस्त लगाई जाए।
-साईट पर अपराध सही तरीके से दर्ज किए जाएं ताकि मैपिंग में कोई गड़बड़ी न हो।
-क्राइम मैपिंग के नोडल ऑफिसर एडीजी क्राइम होंगे।
-उन्होंने कहा किसी घटना का अगर समाचार प्रकाशित हुआ है तो उसकी जांच करवाकर तुरंत कार्रवाई करें।