गोरखपुर में एम्स निर्माण में पड़ सकती है बाधा, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Update:2017-07-05 20:36 IST

लखनऊ: गोरखपुर में एम्स के निर्माण में बाधा पड़ सकती है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए, एम्स के निर्माण के लिए निर्धारित की गई जमीन को मुद्दा बनाते हुए चुनौती दी गई है। इस पर कोर्ट ने ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एपी साही और न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने केएम त्रिपाठी की याचिका पर दिया।

क्या है याचिका में?

याचिका में कहा गया है, कि जिस जमीन का निर्धारण एम्स के निर्माण के लिए किया गया है, वह उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान की जमीन है। उक्त जमीन एयरफोर्स एरोड्रम से लगी हुई है। यहां बहुमंजिला इमारत का निर्माण नहीं किया जा सकता। याची की ओर से इस दलील के समर्थन में भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस का भी हवाला दिया गया है।

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यहां एम्स का निर्माण संभव

इस पर कोर्ट ने याची को उक्त गाइडलाइंस शपथ पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। वहीं, याची की ओर से यह भी बताया गया कि पूर्व में हुए सर्वे में खुटन गांव में जमीन को चिन्हित किया गया था। लेकिन तब उक्त जमीन पर मुकदमा चल रहा था, लेकिन अब हाईकोर्ट के 15 जुलाई 2016 के आदेश से मुकदमा समाप्त हो चुका है। लिहाजा उस जमीन का एम्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब

इस पर कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा और याची को इसके अगले एक सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया।

 

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