BRD ट्रैजडी : एक बैरक में आरोपी पूर्व प्राचार्य और डॉ. कफील, नहीं मिला पाए नजर

बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में शनिवार को गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील को भी जिला कारागार के उसी नेहरू बैरक में रखा गया है, जिसमें पूर्व प्राचार्य पहले से बंद हैं।

Update:2017-09-03 15:57 IST

गोरखपुर : बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में शनिवार को गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील को भी जिला कारागार के उसी नेहरू बैरक में रखा गया है, जिसमें पूर्व प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा पहले से बंद हैं। जिला जेल के नेहरू बैरक में आमना-सामना होने पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज कांड के आरोपी पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा और डॉक्टर कफील खान पहले तो असहज हो गए। काफी देर तक एक-दूसरे से नजरें चुराते रहे, लेकिन इसके बाद एक साथ बैठे तो देर तक बातचीत करते रहे।

सुरक्षा कारणों से जेल प्रशासन ने उनको इस बैरक में रखने का निर्णय लिया है। डर है कि बच्चों की मौत के आक्रोश में जेल के अंदर उन पर हमला हो सकता है, इसलिए उन्हें आम बंदियों की पहुंच से दूर रखने का निर्णय लिया गया है।

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कल एसटीएफ द्वारा डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद सहजनवा थाने में दिनभर चली पूछताछ के बाद शाम 7:00 बजे के आसपास पुलिस ने वहीं के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद रात 8:00 बजे के आसपास उन्हें गोरखपुर लाकर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां से न्यायिक अभिरक्षा में उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने डॉक्टर कफील को रात में जेल में दाखिल करने की जिलाधिकारी से पहले ही अनुमति ले ली थी।

जिलाधिकारी ने जेल प्रशासन को इस संबंध में निर्देशित कर दिया था। रात 8:30 बजे के आसपास पुलिस टीम डॉक्टर कफील को लेकर जिला कारागार पहुंची। जेलर राम कुबेर सिंह की मौजूदगी में उनकी तलाशी लेने के बाद बंदी रक्षकों ने उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लेकर नेहरू बैरक में पहुंचाया।

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जहां मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा इसी बैरक में पहले से ही बंद हैं। पूर्व प्राचार्य के साथ 10 आदर्श बंदी रखे गए हैं। डॉक्टर कफील के जेल पहुंचने के बाद भी अच्छे चाल-चलन वाले आदर्श बंदी उस बैरक में रहेंगे।

अधिकारियों को डॉक्टर कफील के देर रात लाए जाने की पहले से ही सूचना मिल गई थी। लिहाजा उनके लिए रात में खाने का इंतजाम कर लिया गया था। बकरीद का त्योहार होने की वजह उनको सामान्य भोजन की जगह खाने में आलू, गोभी और बैगन की सब्जी तथा पूडी दी गई। भोजन के बाद काफी देर तक वह पूर्व प्रचार्य से बातचीत करते रहे।

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