गोरखपुर उप चुनाव : मायावती ने दलित वोटों का किया सौदा - मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा-बसपा गठबंधन पर तंज कसते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मायावती ने दलित वोटों का सौदा किया है। वहीं अपने नाना लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मौत को उन्होंने अप्राकृतिक बता
गोरखपुर: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा-बसपा गठबंधन पर तंज कसते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मायावती ने दलित वोटों का सौदा किया है। वहीं अपने नाना लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मौत को उन्होंने अप्राकृतिक बताया।
गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी उपेन्द्र दत्त शुक्ल के प्रचार में आए यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह आज बक्शीपुर के चित्रगुप्त मंदिर सभा की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में भाग लेने आए थे। उन्होंने अपने नाना लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में हुई मौत को असामान्य मौत बताया। उन्होंने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि ताशकंद में उनकी मौत हो जाती है। कभी मौका मिला तो इसी प्रांगण में आपको बताऊंगा कि उनकी मौत कैसे हुई इसका पूरा इतिहास बताऊंगा। ये एक गंभीर विषय है। ये मौत साधारण नहीं थी। वो मौत एक रहस्य है मगर वो नेचुरल डेथ नहीं थी इतना जरूर कहना चाहता हूं।
गोरखपुर उप चुनाव पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस सीट पर कोई मुकाबला नहीं दिख रहा है।. वैसे भी वे इस सीट पर 5 बार जीते हुए हैं। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद है। इसी सीट से निकलकर वे मुख्यमंत्री बने हैं। जिस प्रकार से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश का विकास हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी इसमें सहयोग को देखते हुए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में हमें कोई चिंता नहीं है। जिन्हें चिंता है वो खुद को कमजोर पाते हुए बैसाखी का इस्तेमाल कर रहे हैं। बैसाखी की तलाश कर रहे हैं। सपा ने बीएसपी की वैशाखी थाम ली है।
उन्होंने कहा कि जो कमजोर है वो बैसाखी ढूंढ रहे हैं। सपा कमजोर है इसलिए उसने समझौता किया और मायावती ने भी दलित वोटों का सौदा किया है। 25 साल से जो दुश्मनी है आज वो दुश्मनी इसलिए खत्म कर दी और दलित वोटों को सौदे के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं क्योंकि उन्हें राज्यसभा की एक सीट मिल जाएगी। न तो मायावती दलित वोटों और न ही सपा अपने कार्यकर्ताओं के साथ इंसाफ कर रहे हैं। दोनों सीटों पर कितने वोटों के अंतर से जीतेंगे ये नहीं कह सकते, लेकिन वोटों का अंतर अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन 2019 के लिए नहीं है। ये अवसरवादी गठबंधन है। इसके लिए मायावती स्वयं कह चुकी हैं।