प्रेरणास्रोत: दिव्यांग युवक ने नहीं हारी हिम्मत, DM के हाथों मिला मानदेय
बीएसए कार्यालय के मिड डे मील सेक्शन में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर मोहम्मद आतिफ दोनों हाथ से विकलांग है। इसके बावजूद भी कंप्यूटर अच्छे से चला सकता है। इसके साथ ही वह बीए द्वितीय वर्ष का छात्र भी है। जहां वह शिक्षा ग्रहण के दौरान अपने दोनो हाथों से पेन का इस्तेमाल अच्छे से कर लेता है।
गोरखपुर: जनता युवक में नौकरी कर रहे 22 साल के दिव्यांग युवक को गुरुवार (5 अक्टूबर) को डीएम के हाथों मानदेय मिला।
बीएसए कार्यालय के मिड डे मील सेक्शन में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर मोहम्मद आतिफ दोनों हाथ से विकलांग है। इसके बावजूद भी कंप्यूटर चलाने में निपुण है। इसके साथ ही वह बीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। जहां वह शिक्षा ग्रहण के दौरान अपने दोनों हाथों से पेन का इस्तेमाल भी अच्छे से कर लेता है।
हिम्मत नहीं हारी
महानगर के (गिरधरगंज) निवासी अनवर आलम के दो पुत्रों में छोटा मोहम्मद आतिफ (22वर्ष) जो दोनों हाथों से दिव्यांग है। साल 2003 में विद्युत दुर्घटना में हाथ बुरी तरह जल गए थे। जिससे ऑपरेशन कर दोनों हाथ काट दिए गए। इस घटना के बाद से वह पूरी तरह से दूसरों पर आश्रित होने जैसा महसूस करने लगा, लेकिन मन ही मन उसने ठान लिया था कि वह आत्मनिर्भर बनेगा। इस बीच उसने मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर कोर्स भी किया और अपनी शिक्षा भी अनवरत जारी रखी। धीरे-धीरे उसकी राहें खुद ब खुद आसान होती चली गई। इसके बाद वह नौकरी की तलाश में बराबर जनता दर्शन कार्यक्रम में डीएम को अपनी दरख्वास्त देने लगा। जिससे डीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग के मिड डे मील प्रोग्राम में बतौर डाटा एंट्री ऑपरेटर मानदेय पर पिछले 4 सितंबर को नियुक्त किया था। गुरुवार को उसकी सेवा के एक माह पूरे होने पर जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने आतिफ को मानदेय सौंपा है।
क्या बताया स्थानीय प्रभारी ने?
इस संबंध में उसके स्थानीय प्रभारी दीपक पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस युवक के जज्बे की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। हमारा प्रयास रहेगा कि जब कभी विभाग में जगह बने तो उसका समायोजन हो।