Gorakhpur News: पूर्वांचल की 2100 यशोदा मैया ने 722 मासूमों की बचाई जान

Gorakhpur News: इन माताओं ने अपना दूध लावारिस बच्चों के लिए दान कर दिया। यह दान मासूमों को नया जीवन देने के साथ रोगों से लड़ने की ताकत भी दे रहा है।

Update: 2024-06-01 03:17 GMT

Baba Raghav Das Medical College milk bank (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में संचालित मिल्क बैंक से सैकड़ों नवजातों की जान बचाई जा रही है। पूर्वांचल की करीब 21 सौ यशोदा मैया ने पिछले कुछ वर्षों में 722 मासूमों की जान बचाई है। इन माताओं ने अपना दूध लावारिस बच्चों के लिए दान कर दिया। यह दान मासूमों को नया जीवन देने के साथ रोगों से लड़ने की ताकत भी दे रहा है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहे धात्री मिल्क बैंक में अब तक 2094 महिलाओं ने दूध दान किया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में इस धात्री मिल्क बैंक की शुरुआत 15 जून 2023 को हुई थी। पहले तीन महीने तक यहां तैनात कोऑर्डिनेटर और उनके सहायक महिलाओं को दूध दान करने के फायदे समझती रहीं। सितंबर में पहली बार किसी महिला को जागरूक करने में सफलता मिली। उनका दूध लावारिस नवजात को दिया गया। इसके बाद से महिलाओं में मिल्क बैंक का क्रेज बढ़ रहा है। यहां पर यशोदा मैया अपने कान्हा के लिए भी दूध रिजर्व कराती हैं। मिल्क बैंक में अब तक 2094 महिलाओं ने 281397 मिली लीटर दूध दान में दिया है। इनमें से 206589 मिली लीटर दूध उन्होंने अपने बच्चों को पिलाया। जबकि 73235 मिलीलीटर दूध लावारिस नवजातों को दान में दिया है।

ऐसे सुरक्षित रखते हैं मांओं का दूध

मदर मिल्क बैंक की कोआर्डिनेटर नीलम सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप मशीन के माध्यम से डोनर से दूध लिया जाता है। उसे कांच की बोतलों में 30-30 मिलीलीटर की यूनिट बनाकर -20 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर सुरक्षित रख दिया जाता है। बैंक में दूध छह महीने तक सुरक्षित रहता है। बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ.भूपेन्द्र शर्मा का कहना है कि यूपी में नवजातों की मृत्यु दर प्रति एक हजार पर 36 है। जबकि एक महीने से एक साल तक के बच्चों की मृत्यु दर प्रति एक हजार पर 50.4 है। जन्म के समय मां का दूध न मिलने पर बच्चों को डायरिया या निमोनिया होने का खतरा रहता है। पूर्वांचल में जन्म लेने वाले 10 में से 4 बच्चों को मां का पहला दूध नसीब नहीं होता। जन्म के एक घंटे के अंदर मिलने वाला मां का दूध बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। ऐसे नवजातों के लिए मिल्क बैंक वरदान है।

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