Gorakhpur News: CM के ड्रीम प्रोजेक्ट में लगड़ी मारने वाले भूमि अध्याप्ति दफ्तर के सभी कर्मचारी हटाए गए, कार्यालय में सन्नाटा

Gorakhpur News: सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट गोड़धोईया नाले के साथ अन्य प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण में लापरवाही सामने आने के बाद भूमि अध्याप्ति कार्यालय के सभी कर्मचारियों को एक साथ हटा दिया गया है।

Update: 2024-02-07 08:59 GMT

गोरखपुर के भूमि अध्याप्ति दफ्तर में पसरा सन्नाटा (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: यूपी का गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला है। ऐसे में छोटी लापरवाही भी कर्मचारियों को भारी पड़ती है। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट गोड़धोईया नाले के साथ अन्य प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण में लापरवाही सामने आने के बाद भूमि अध्याप्ति कार्यालय के सभी कर्मचारियों को एक साथ हटा दिया गया है। इन कर्मचारियों का ट्रांसफर बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया और आजमगढ़ आदि जिलों में किया गया है। कार्यालय में फिलहाल सन्नाटा है। अधिकारी इस सवाल पर खामोश हैं कि पुराने कर्मचारियों को तो हटा दिया गया। जब तक पूरे कर्मचारी तैनात नहीं होंगे तो काम आगे कैसे बढ़ेगा?

भूमि अध्याप्ति कार्यालय वही विभाग है जो विकास परियोजनाओं के लिए जमीनों का अधिग्रहण करता है। बताया जा रहा है कि मुआवजा वितरण में खेल किए जाने की शिकायतें शासन तक पहुंची थीं। छानबीन हुई तब पता चला कि यहां 20 साल से कर्मचारी जमे थे। ऐसे में शासन के निर्देश पर पूरे दफ्तर का तबादला एक साथ कर दिया गया। स्थानांतरण के साथ ही सभी को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त भी कर दिया गया। कार्रवाई से सिर्फ एक कर्मचारी बचा क्योंकि उसी की तैनाती को अभी तीन साल नहीं हुए थे।

बता दें कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के साथ ही गोरखपुर में भूमि अध्याप्ति कार्यालय कार्यालय की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई। कई बड़ी परियोजनाएं आईं जिनके लिए भूमि अधिग्रहीत की गई। इस समय भी रिंग रोड और गोड़धोइया नाला परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे का वितरण प्रक्रिया में है। कुछ दिनों से मुआवजा वितरण में लापरवाही की शिकायत आ रही थी। इसकी वजह भी बताई जाती रही, यहां तैनात कोई कर्मचारी पांच साल तो कोई 10 साल से एक ही जगह पर काम कर रहा है। एक वरिष्ठ कर्मचारी तो यहां 20 साल से जमे थे। मामला जब शासन के संज्ञान में आया तो आनन-फानन सभी कर्मचारियों को बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़ और देवरिया स्थानांतरण कर दिया गया है। इन जिलों के कर्मचारियों को गोरखपुर ट्रांसफर किया गया है।

11 का तबादला, 6 ने किया ज्वाइन

भूमि अध्याप्ति कार्यालय में 12 कर्मचारी तैनात थे। इनमें से 11 का तबादला किया गया है। सिर्फ एक ही कर्मचारी ऐसा था जिसकी तैनाती को अभी तीन साल नहीं हुए थे। ऐसे में उसका तबादला नहीं हुआ है। उधर, यहां अभी तक सिर्फ छह कर्मचारियों ने ज्वाइन किया है। मुआवजे को लेकर कार्यालय पहुंचे दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि कार्यालय में सन्नाटा है। कई दिन से निराश लौटना पड़ रहा है। सीआरओ सुशील कुमार गौड़ का कहना हैं कि साल से अधिक समय से कार्यरत सभी कर्मचारियों को स्थानांतरण हुआ है। उनके बदले अन्य जिलों से कर्मचारी आए हैं। दो से तीन दिन में सभी कर्मचारी कार्यभार संभाल लेंगे।

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