Gorakhpur News: डिजिटल हाजिरी के विरोध में उतरे BJP MLC, बोले- जनता में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई
Gorakhpur News: जनता में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है। इसके लिए नौकरशाह जिम्मेदार हैं, उनके द्वारा लिए गए फैसलों से जनता में आक्रोश भड़क गया है। नौकरशाहों द्वारा लिए गए फैसले सरकार के लिए अभिशाप बन गए हैं।
Gorakhpur News: भाजपा के गोरखपुर-फैजाबाद क्षेत्र से एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह प्राथमिक से लेकर मध्यमिक स्कूलों में डिजिटल हाजिरी की अनिवार्यता को लेकर अपने ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिये है। एमएलसी ने नौकरशाहों को सरकार की छवि बिगाड़ने का जिम्मेदार बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कड़ा पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने डिजिटल हाजिरी के फरमान को तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसके पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर देवेन्द्र प्रताप सिंह डिजिटल हाजिरी का विरोध कर चुके हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा है कि कानून व्यवस्था को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियों की दूसरे राज्यों में सराहना की जाती है। अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता में योगी सरकार से जनता नाराज हो गई? उन्होंने लिखा कि कई कारणों के साथ मिल जाने से 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे अच्छे नहीं आए। जनता में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है। इसके लिए नौकरशाह जिम्मेदार हैं, उनके द्वारा लिए गए फैसलों से जनता में आक्रोश भड़क गया है। नौकरशाहों द्वारा लिए गए फैसले सरकार के लिए अभिशाप बन गए हैं।
कोरोना में 1621 शिक्षकों की मृत्यु हुई, इन पर संदेह ठीक नहीं
एमएलसी ने पत्र में लिखा है कि देश में गुरु परंपरा पुरातन काल से सर्वश्रेष्ठ रही है। कोरोना काल में प्राथमिक शिक्षकों ने चुनाव के समय अपना दायित्व निभाया। कोरोना काल में चुनावी ड्यूटी में 1621 शिक्षक की अकाल मृत्यु हो गई। इतना ही नहीं भारत को पोलियो मुक्त में विश्व रिकॉर्ड दिलाने में उन्होंने सराहनीय भूमिका निभाई। अब डिजिटल अटेंडेंस के नाम पर शिक्षकों को अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अलावा 30 कार्य ऑफ लाइन लिए जाते हैं, इसके बाद भी डिजिटल अटेंडेंस क्यों?
महानिदेशक शिक्षा कार्यालय में 85 कर्मचारी अनुपस्थित मिले, वहां क्यों नहीं डिजिटल हाजिरी
एमएलसी ने पत्र में महानिदेशक शिक्षा कार्यालय के पिछले दिनों उजागर हुए चर्चित मामले का जिक्र भी पत्र में किया है। एमएलसी ने लिखा है कि पिछले दिनों 85 कर्मचारी अनुपस्थिति पाए गए थे, क्या उन्होंने अपने कार्यालय में डिटिजल अटेंडेंस लागू किया। उन्होंने लिखा, बढ़ते जनाक्रोश को रोकने के लिए डिजिटल अटेंडेंस के निर्णय को वापस लेना होगा। पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि तदर्थ शिक्षकों की लंबी सेवा को देखते हुए हम इन्हें बाहर करने की मंशा नहीं रखते। सुप्रीम कोर्ट की इस भावना का आदर करते हुए तदर्थ शिक्षकों को रिक्त पदों पर आमेलित करना चाहिए।