Gorakhpur: झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली बच्चियों को बेहतर पोषण से मिलेगा कुपोषण से निजात

Gorakhpur News:सीडीओ ने अति कुपोषित बच्चों को सेहतमंद करने के लिए शुरू की पहल ‘मिशन खिलखिलाहट’ के तहत पिछले तीन महीने में जिला स्तर के 16 अधिकारियों से 100 बच्चों को गोद लिया है।

Update: 2024-03-20 13:42 GMT

मिशन खिलखिलाहट के तहत कुपोषित बच्चों से मिलते सीडीओ। (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: आंगनबाड़ी में पंजीकृत बच्चों की सेहत को लेकर अधिकारी संजीदा हुए तो इसके अच्छे परिणाम भी दिखने लगे। सीडीओ की पहल पर अति कुपोषित बच्चों को सेहतमंद करने के लिए शुरू की पहल ‘मिशन खिलखिलाहट’ के तहत पिछले तीन महीने में जिला स्तर के 16 अधिकारियों से 100 बच्चों को गोद लिया है। नियमित रूप से इन्हें केला, दूध समेत पोषण पोटली देने का परिणाम है कि ज्यादेतर बच्चे अतिकुपोषित के दायरे से निकल रहे हैं। सिविल लाइंस की दो साल की परी अतिकुपोषित की श्रेणी से निकलने वाली पहली बच्ची बनी थी। वहीं सिविल लाइंस क्षेत्र की अराध्या को सीडीओ ने गोद लिया था। मंगलवार को उसका वजन हुआ तो वह भी कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गई है।


मिशन खिलखिलाहट के तहत हो रहा काम

अक्तूबर महीने में सीडीओ संजय कुमार मीणा ने मिशन खिलखिलाहट नाम से अभियान शुरू कर अति कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से बाहर निकालने की अपील की थी। सीडीओ ने खुद सिविल लाइंस की अराध्या नाम की बच्ची को दिसम्बर महीने में गोद लिया। काली मंदिर के पास ठेले पर पकौड़ी बेचने वाले अनिल की बेटी अतिकुपोषित है। सीडीओ की देखरेख में उसके वजन में लगातार सुधार हुआ है। बुधवार को सीडीओ संजय कुमार मीना पोषण पोटली लेकर पहुंचे। बच्ची का वजन, लंबाई का मापन कराया गया। बच्ची का वजन 2.3 किलो से बढ़कर 11.3 किलो हो गया है। लंबाई 90 इंच हो गई है l इसी क्रम में जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा ने गौरव नाम के बच्चे को गोद लिया है। परियोजना निदेशक अनिल कुमार ने दाउदपुर की मानवी को तो जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) वेद प्रकाश मिश्रा ने एकलब्य नाम के अतिकुपोषित बच्चे को गोद लिया है। इसी तरह जिला स्तर के 16 अधिकारियों ने 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें पोषण दे रहे हैं।

तीन महीने में परी का वजन तीन किलोग्राम बढ़ा

जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव मिश्रा ने सिविल लाइंस की परी नाम की दो साल की बच्ची को अक्तूबर महीने में गोद लिया था। तभी से वह हर सप्ताह मलिन बस्ती में उसके आवास पर पहुंचकर दूध, केला के साथ पोषण की पोटली देते हैं। वह बताते हैं कि अक्तूबर में परी का वजन 6.3 किलोग्राम था, जो वर्तमान में 9.3 किलोग्राम पहुंच गया है। उम्र और वजन के मानक के मुताबिक बच्ची अतिकुपोषित की श्रेणी से बाहर आ चुकी है। अभी उसमें और सुधार होगा। उसे कुपोषित की श्रेणी से बाहर लाना है।

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