Gorakhpur News: सड़कों पर छात्रों ने निकाली दंडवत यात्रा, 8 साल से कर रहे हैं ये मांग

Gorakhpur News: छात्रों ने कहा कि सरकार लिंगदोह आयोग की सिफारिशों की गलत व्याख्या कर छात्रसंघ पर रोक लगा रहा है।

Update:2024-09-24 13:05 IST

Students Dandavat Yatra   (photo: social media ) 

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ ही संबंद्ध महाविद्यालयों में पिछले 8 साल में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं। आंदोलन के बाद छात्रसंघ बहाली का सिर्फ भरोसा मिलता है, चुनाव नहीं होता है। 24 सितम्बर को गोरखपुर के दिग्विजयनाथ डिग्री कॉलेज के छात्रों ने छात्रसंघ बहाली को लेकर सड़कों पर दंडवत यात्रा निकालकर सरकार को चेतावनी दी। छात्रों ने कहा कि सरकार लिंगदोह आयोग की सिफारिशों की गलत व्याख्या कर छात्रसंघ पर रोक लगा रहा है। अब आरपार की लड़ाई होगी।

दरअसल, गोरखपुर यूनिवर्सिटी और संबद्ध महाविद्यालय में वर्ष 2016 से ही चुनाव नहीं हुआ है। ऐसे में छात्र संघ बहाली को लेकर आंदोलन होते रहे हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में तो छात्रसंघ बहाली के आंदोलन में कुछ वर्ष पहले पुलिस ने बर्बर लाठी चार्ज भी किया था। दो साल पहले दीनदयाल उपाध्‍याय विश्‍वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर पिछले 11 दिन से छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर धरना-प्रदर्शन हुआ था। इस धरने में संबद्ध महाविद्यालयों के छात्र भी शामिल हुए थे। इस बीच सात छात्र तीन दिन पहले भूख हड़ताल पर चले गए. आंदोलन की धार तेज हुई, तो पुलिस और प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया था।

गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से निकले कई बड़े नेता

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से 329 महाविद्यालय संबद्ध हैं। दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में साल 2016 में अंतिम बार चुनाव हुआ था। इसके पहले भी 10 साल तक चुनाव नहीं हुए थे। प्रदेश और देश की राजनीति में गोरखपुर विश्‍वविद्यालय ने राजनाथ सिंह, मोहन सिंह, शीतल पांडेय, जगदीश लाल श्रीवास्तव, कल्पनाथ राय सरीखे कई बड़े राजनेताओं को राष्‍ट्रीय राजनीति के शीर्ष तक पहुंचाया है। छात्र संघ के अध्यक्ष रहे रूप कुमार सिंह का कहना है कि छात्रसंघ से यूनिवर्सिटी प्रशासन की मनमानी पर लगाम लगता है। छात्रसंघ अराकता के नहीं सार्थक काम करते रहे हैं। छात्रसंघ बहाली समय की मांग है।

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