Gorakhpur News: बाजार में आ रहा जीरा के नाम पर जहर, लकड़ी के बुरादे से बन रहा जीरा

Gorakhpur News: गुजरात से आ रहे नकली जीरे असली में मिलावट कर काली कमाई की जा रही है। यह जीरा लकड़ी के बुरादे से तैयार किया जा रहा है।

Update: 2024-03-30 15:01 GMT

गुजरात से आ रहा नकली जीरा। (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: त्योहारों और वैवाहिक सीजन में मोटा मुनाफा कमाने के लिए कारोबारी मिलावटी जीरा, धनिया से लेकर काली मिर्च बेच रहे हैं। गुजरात से आ रहे नकली जीरे असली में मिलावट कर काली कमाई की जा रही है। यह जीरा लकड़ी के बुरादे से तैयार किया जा रहा है। असली और मिलावटी जीरे में 100 रुपये प्रति किलो का अंतर है।

80 फीसदी जीरे का उत्पादन गुजरात में 

देश में 80 फीसदी जीरे का उत्पादन गुजरात और राजस्थान में होता है। पिछले दिनों जीरा 600 से 1000 रुपये तक पहुंचा तो मिलावटखोर सक्रिय हो गए। पिछले दिनों मुंबई के खाद्य विभाग ने जीरा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। जहां लकड़ी की भूसी पर विभिन्न रासायनिक पाउडर का लेप करके जीरे का हमशक्ल तैयार किया जा रहा था। मुंबई के साथ गुजरात में लकड़ी से जीरा बनाकर असली के साथ मिक्स कर मार्केट में बेचा जा रहा है। साहबगंज से लेकर महेवा तक कुछ कारोबारी नकली जीरे को बेच रहे हैं। इसी तरह काली मिर्च और धनिया में भी खूब मिलावट हो रही है। एक कारोबारी ने बताया कि खराब क्वालिटी के धनिया को एक केमिकल से धोने पर वह हरा तो होता है ही, अच्छी तरह फूल भी जाता है। ऐसे में ग्राहक इसे बेहतर क्वालिटी का समझकर खरीद लेते हैं। इसी तरह काली मिर्च में मकोई के बीज की मिलावट की जा रही है।

100 रुपये का है अंतर

नकली और असली जीरे की कीमत में प्रति किलो 100 रुपये का अंतर है। 30 किलो पैकेट में आ रहे जीरे पर ब्रांड नाम तो लिखा हुआ है, लेकिन यह कहां बना है। कहां पैक हुआ है, इसकी कोई जानकारी पैकेट पर नहीं है। पूरे प्रकरण पर कोई भी व्यापारी संगठन बोलने को तैयार नहीं है। अलबत्ता अच्छे कारोबारी चाहते हैं कि खाद्य विभाग को ऐसे मिलावट खोरों को चिह्नित कर कार्रवाई करनी चाहिए, जो चंद रुपयों के लालच में आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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