Gorakhpur: सोना तस्करी का गढ़ बन रहा गोरखपुर, फिर हुई छापेमारी, पकड़ा जा चुका है करोड़ों का सोना
Gorakhpur Crime: सोमवार को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने वाराणसी से मिले इनपुट के आधार पर हिन्दी बाजार के अंबे गहना बाजार में एक प्रतिष्ठान पर छापा मारा।
Gorakhpur Crime: म्यांमार, दुबई और थाईलैंड से बड़ी मात्रा में तस्करी का सोना कोलकाता, बिहार होते हुए गोरखपुर पहुंच रहा है। सोना तस्कर बड़े कारोबारियों से सांठगांठ बनाकर हर महीने करोड़ों का खेल कर रहे हैं। गोरखपुर की सर्राफा मंडी एक बार फिर तस्करी के सोने को लेकर चर्चा में है। सोमवार को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने वाराणसी से मिले इनपुट के आधार पर हिन्दी बाजार के अंबे गहना बाजार में एक प्रतिष्ठान पर छापा मारा। करीब 6 घंटे चली जांच के बाद टीम कई अहम कागजात लेकर वापस गई। टीम द्वारा कागजातों की जांच की जा रही है। छापेमारी मंगलवार को जारी रह सकती है।
वाराणसी डीआरआई की टीम ने कुछ दिन पहले तस्करी का 3.50 किलोग्राम सोना पकड़ा था। पूछताछ में इनपुट मिला की इसके तार गोरखपुर से लेकर पटना तक जुड़े है। असल में वाराणसी की जो फर्म संदेह में है, उसकी शाखा गोरखपुर के साथ पटना में भी है। सोमवार को डीआईआई की टीम के पहुंचने के बाद आसपास की कई दुकानों के शटर गिर गए थे। टीम ने सराफा की दुकान पर सोने की खरीद बिक्री के रसीद और कागजातों की जांच शुरू की। डीआरआई के अधिकारियों की जांच शाम करीब पांच बजे तक चली। टीम अपने साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर वापस लौटी है। कागजातों की जांच की जा रही है। जांच को लेकर वाराणसी के अधिकारी भी संपर्क में है। माना जा रहा है कि मंगलवार या आने वाले दिनों में डीआरआई और बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
पहले भी पकड़ा गया करोड़ों का सोना
पिछले अप्रैल महीने में डीआरआई ने रेलवे स्टेशन के पास से 50 लाख कीमत का तस्करी का सोना पकड़ा था। तस्करी मार्च महीने में भी डीआरआई की टीम ने 12 किलोग्राम तस्करी का सोना पकड़ा था। म्यांमार से तस्करी कर लाए जा रहे सोने की डिलेवरी दिल्ली के एक कारोबारी को होनी थी। 2023 के मार्च महीने में तारामंडल के पास से एक सोना तस्कर पकड़ा गया था।
पटना में भी हो सकती है छापेमारी
माना जा रहा है कि डीआरआई की छापेमारी पटना में भी हो सकती है। बता दें कि अंबे गहना बाजार के इस प्रतिष्ठान पर पिछले साल भी छापेमारी हुई थी। जिसमें अधिकारियों ने दो से तीन दिन की जांच में करोड़ों रुपये घपला पकड़ा था।