गोरखपुर में खुलेगा आईआईएम? चुनाव से ठीक पहले सांसद रवि किशन की मांग पर गंभीर है मोदी सरकार!
MP Ravi Kishan on IIM: सांसद रवि किशन ने कहा, 'गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर है। शिक्षा, व्यापार और पर्यटन का एक बड़ा केंद्र भी है। ऐसे में गोरखपुर में भी नए आईआईएम की स्थापना हो।'
Gorakhpur News: एक तरफ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव दावा कर रहे हैं कि, यूपी में एक सांसद को छोड़कर किसी को दोबारा भाजपा का टिकट नहीं मिलेगा। लेकिन, गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद और टिकट के प्रबल दावेदार चुनाव से पहले पूरी तरह सक्रिय दिख रहे हैं। शुक्रवार (02 जनवरी) को बजट सत्र में उन्होंने संसद में गोरखपुर में आईआईएम स्थापित करने को लेकर तर्क दिये।
वैसे वर्ष 2019 में रवि किशन (Ravi Kishan) जब चुनावी प्रचार में वादे कर रहे थे, तो फिल्म सिटी की स्थापना उनकी प्राथमिकता में था। लेकिन, पांच साल बाद फिल्मों की शूटिंग तो हुई लेकिन फिल्म सिटी का अता-पता नहीं है।
गोरखपुर में हो IIM की स्थापना
सांसद रवि किशन शुक्ला (MP Ravi Kishan Shukla) ने संसद में चर्चा के दौरान गोरखपुर में आईआईएम स्थापित करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, 'गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे बड़ा महानगर है। गोरखपुर शिक्षा, व्यापार और पर्यटन का एक बड़ा केंद्र भी है। ऐसे में गोरखपुर में भी नया आईआईएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट) की स्थापना की जाए।'
आईआईएम के लिए ये दिया तर्क
सांसद रवि किशन शुक्ला ने कहा कि, 'गोरखपुर इस समय पूर्वांचल का सबसे अधिक तेज गति से विकसित करने वाला शहर है। यहां लगातार फैक्ट्री खुल रही है। शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर का इस समय प्रमुख शहर बना हुआ है। यहां लगातार कई शिक्षण संस्थाएं खुल रही है। बिहार, नेपाल के साथ ही साथ गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, आजमगढ़ सहित एक दर्जन से अधिक जिलों के बच्चे गोरखपुर में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में अगर आईआईएम जैसी संस्था अगर गोरखपुर में खुल जाती है तो लाखों बच्चों के लिए एक अच्छा संस्थान मिल जाएगा।'
गोरखपुर यूपी का सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर
सांसद ने आगे कहा कि, 'गोरखपुर में इस समय सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। देश के हर प्रमुख शहरों के नेटवर्क से इनदिनों गोरखपुर जुड़ गया है। रेलवे हो या हवाई मार्ग से गोरखपुर जुड़ चुका है। ऐसे में अगर गोरखपुर में आईआईएम की शाखा स्थापित होती है तो यहां के छात्रों को सपने देखने का एक नया आयाम मिल जाएगा। गोरखपुर और इसके आसपास के जिलों के छात्र बड़े मेधावी हैं जो शिक्षा के लिए गोरखपुर आते हैं उनमें अपार संभावनाएं हैं। वे प्रबंधन की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन गोरखपुर व उसके आसपास के किसी भी जिले में प्रबंधन संस्थान ना होने के कारण उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर, दलित और वंचित वर्ग के छात्र संसाधनों की कमी के से अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं। गोरखपुर में एक भारतीय प्रबंधन संस्थान के स्थापना हो जाने से यहां के छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होगा। जिससे इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।'