Gorakhpur News: प्रदेश में सर्वाधिक छुट्टियां गोरखपुर यूनिवर्सिटी में, अब कुलपति ऐसे सुधारेंगी शैक्षणिक सत्र

Gorakhpur News:प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छुट्टियों के मामले में सबसे ज्यादा मौज में दीन दयाल गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सबसे अधिक 52 दिन अवकाश रहता है।

Update: 2023-11-15 08:14 GMT

प्रदेश में सर्वाधिक छुट्टियां गोरखपुर यूनिवर्सिटी में (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छुट्टियों के मामले में सबसे ज्यादा मौज में दीन दयाल गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्र हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में साल में प्रदेश में सबसे अधिक 52 दिन अवकाश रहता है। जिससे 180 दिनों के शिक्षण कार्य दिवस का मानक भी पूरा नहीं होता है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी को नैक से मिले ‘ए$$’ ग्रेड को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब कुलपति प्रो.पूनम टंडन शैक्षणिक सत्र को सुधारने के लिए प्रयास कर रही हैं।

इसके साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय अवकाशों को भी तार्किक करने जा रहा है। गैर-आवश्यक अवकाशों को समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यूजीसी के मापदंडों के अनुसार एक शैक्षणिक सत्र में कम से कम 180 दिन शिक्षण कार्य होना चाहिए। उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में गोरखपुर विश्वविद्यालय में सबसे अधिक कुल 52 दिन अवकाश है। जबकि राज्य सरकार के आदेश के अनुसार सिर्फ 29 दिन अवकाश होना चाहिए।

लखनऊ विश्वविद्यालय तथा मेरठ विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र में 29 दिन ही अवकाश है। कुलपति का कहना है कि अवकाश की सूची को तर्कसंगत बनाया जा रहा है। जिससे छात्रों को कम से कम एक सेमेस्टर में 90 शिक्षण कार्य दिवस सुनिश्चित हो जिससे पाठ्यक्रम को समय से पूरा किया जा सके। विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए गतिविधियों को संचालित करने का अवसर मिले तथा परीक्षा एवं परिणाम समय से घोषित किया जा सके। हमारा प्रयास है सत्र को नियमित करना। गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को सेकंड सैटरडे की छुट्टी प्रदान की जायेगी। हालांकि उस दिन शैक्षणिक कार्य जारी रहेगा। जो कर्मचारी विभाग में कार्य करेंगे उन्हें प्रतिकर अवकाश दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने समाप्त कर दिया था मिड-सेमेस्टर की परीक्षाएं

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में 180 शिक्षण कार्य दिवस (90 दिन प्रत्येक सेमेस्टर) सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विद्यार्थियों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। इसे सुनिश्चित करने के लिए अधिक शैक्षणिक कार्य दिवस की आवश्यकता है। जिसमें शिक्षण के साथ को-करीकुलर गतिविधियों को विश्वविद्यालय में संचालित किया जा सके। इसको ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने मिड-सेमेस्टर की परीक्षाओं को समाप्त कर दिया था। मिड सेमेस्टर परीक्षाओं को 21 दिन में कराया जाता था। अगर दोनों सेमेस्टर जोड़ दे तो एक शैक्षणिक सत्र में करीब 40 दिन लगते थे जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता था।

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