Gorakhpur News: कूड़े से नहीं बन रही खाद, राप्ती नदी के किनारे कूड़े के पहाड़ की दुर्गंध से फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
Gorakhpur News: निगम का दावा था कि यहां कूड़े से बायो खाद बनेगी। लेकिन साल भर बाद भी खाद बनाने वाली प्लांट स्थापित नहीं हुई। जिससे आसपास के ग्रामीणों का दुर्गंध से घर में रहना मुश्किल हो गया है।;
Gorakhpur News (Image From Social Media))
Gorakhpur News: गोरखपुर में नगर निगम शहर के कूड़े का निस्तारण राप्ती नदी के किनारे जमुआड़ गांव के पास किया जा रहा है। निगम का दावा था कि यहां कूड़े से बायो खाद बनेगी। लेकिन साल भर बाद भी खाद बनाने वाली प्लांट स्थापित नहीं हुई। जिससे आसपास के ग्रामीणों का दुर्गंध से घर में रहना मुश्किल हो गया है। 23 फरवरी को दिन में ग्रामीणों का गुस्सा फूट गया। कूड़ा गिराने आई गाड़ियों ने ग्रामीणों को लौटा दिया। अब नगर निगम के सामने कूड़ा निस्तारण का संकट खड़ा हो गया है।
जंगल कौड़िया-कालेसर फोरलेन के पास जमुआड़ गांव के पास नगर निगम द्वारा ट्रामल प्लांट लगाया गया है। दावा है कि यहां बायो खाद बनाई जाती है। लेकिन यहां उठ रही दुर्गंध से लोगों की जिंदगी मुश्किल में फंस गई है। पिपरौली ब्लाक के कालेकर ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतिनिधि अजय यादव का कहना है कि नगर निगम गांव के पास पिछले एक वर्ष से प्रतिदिन 200 मिट्रिक टन कूड़ा निस्तारित किया जा रहा है। फर्म ने नियमानुसार अब तक यहां फ्रेश वेस्ट बायो ट्रामल प्लांट स्थापित नहीं किया है। जिससे कूड़े से दुर्गंध उठ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गंदगी से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। गांव में घर के अंदर भी बदबू से रहना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी और गांव के पास कूड़ा निस्तारण को लेकर एनजीटी की रोक के बाद भी नगर निगम मनमानी कर रहा है।
कूड़ा लदी गाड़ियों को लौटाया
कूड़े की बदबू से परेशान ग्रामीणों ने नगर निगम की कूड़ा लदी गाड़ियों को लौटा दिया। ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया है। ग्रामीणों का कहना है कि दिक्कत को लेकर जिलाधिकारी से लेकर नगर आयुक्त से बात की गई लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया। प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्लांट हटाने की मांग की है।