Gorakhpur News: सनक या तंत्रमंत्र, बेटी और भतीजी की हत्या करने वाली महिला ‘कोमा’ से उठेगी तब खुलेगा राज
Gorakhpur News: गोरखनाथ इलाके के पचपेड़वा पार्वतीपुरम कॉलोनी में बुधवार की दोपहर में एक महिला ने अपनी पांच वर्ष की बेटी और ढाई वर्ष की भतीजी की हत्या कर दी।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर डबल मर्डर से सहमा हुआ है। हत्या कोई दूसरा नहीं सगी मां ने किया। महिला ने बेटी और भतीजी की हत्या की और खुद ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की। अब महिला कोमा में है। पुलिस और परिवार वाले कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। कोई कह रहा कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उसने सनक में ऐसा कर दिया। तो कोई बेटे की चाह में मिल रहे तानों को इसकी वजह बता रहा है। तो तंत्रमंत्र के लिए भी हत्या की बात सामने आ रही है।
गोरखनाथ इलाके के पचपेड़वा पार्वतीपुरम कॉलोनी में बुधवार की दोपहर में एक महिला ने अपनी पांच वर्ष की बेटी और ढाई वर्ष की भतीजी की हत्या कर दी। आरोप है कि दोनों को उसने फंदे से लटकाकर मार डाला, फिर फंदा काटकर बिस्तर पर लिटा दिया और खुद ट्रेन के आगे कूदने चली गई। नकहा क्रॉसिंग के पास खुदकुशी करने की कोशिश करने पहुंची महिला को वहां मौजूद लोगों ने बचा लिया, लेकिन ट्रेन की टक्कर से गंभीर चोट के चलते वह कोमा में चली गई। घटना की सूचना पर एसपी सिटी अभिनव त्यागी, सीओ गोरखनाथ रवि सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ट्रेन की टक्कर से कोमा में पहुंची आरोपित महिला को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। पुलिस ने ससुर की तहरीर पर आरोपित महिला पर हत्या का केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि महिला तीन बार पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है। शिवप्रसाद चौहान के दो बेटे रवि चौहान और खुशवंत चौहान अपने परिवार के साथ पार्वतीपुरम कॉलोनी में रहते हैं। वह खुद अपनी बेटी के साथ चक्सा हुसैन में रहते हैं। रवि वर्तमान में हैदराबाद कमाने गया है, जबकि खुशवंत गोरखपुर में ही प्लम्बर का काम करता है। बुधवार को चक्सा हुसैन वाले मकान पर काम चल रहा था और शिवप्रसाद और बहू बिंदू समेत सभी परिवारवाले वहीं पर थे। तभी महिला ने बेटी और भतीजी की हत्या कर दी।
चक्सा हुसैन से दोनों बच्चों को लेकर आई थी महिला
बिंदू चौहान ने जब अपनी पांच वर्ष की बेटी नैना और ढाई वर्ष की भतीजी शीतल की हत्या की उस दौरान चक्सा हुसैन के उसके दूसरे मकान पर काम चल रहा था। बिंदू वहां पहुंची तो ससुर ने कहा कि बच्ची को पार्वतीपुरम वाले मकान पर ले जाए। बताया जा रहा है कि अपनी बेटी नैना को ले जाने के कुछ समय बाद बिंदु भतीजी शीतल को भी ले आई। दोपहर में दो बजे के करीब शिवप्रसाद को बहू बिंदू के घायल होने की सूचना मिली। वह तत्काल मेडिकल कॉलेज चले गए और कोमा में चली गई बहू भर्ती कराने के बाद बच्चों का ध्यान आया। पार्वतीपुरम कॉलोनी के मकान में ताला बंद था, संदेह होने पर अंदर गए तो देखा कि दोनों बच्चे बिस्तर पर हैं, लेकिन उनकी मौत हो गई थी। गले पर फंदे का निशान भी मिला।
यह साइकोसिक केस
मनोविज्ञानी डॉ.गरिमा सिंह का कहना है कि यह साइकोसिक केस है। घटना की कई वजह हो सकती है या तो बच्चियों से महिला काफी परेशान रही होगी या फिर बच्चियों से परेशानी के साथ ही देवरानी से नफरत होगी। इसके अलावा सोखा के चक्कर में पड़कर भी घटनाएं सामने आती है। महिला से बातचीत के बाद ही सही वजह सामने आ सकती है। वहीं मनोचिकित्सक डॉ.अभिनव श्रीवास्तव का कहना है कि यह एक्यूट साइकोसिस का मामला लग रहा है। कई बार इसके संकेत नहीं मिलते, इसमें एक्सटेंडेड सुसाइड मिलता है। जिसमें व्यक्ति किसी अन्य की हत्या करके फिर आत्महत्या का प्रयास करता है।