Gorakhpur News: DDU में कुलपति का नया फरमान, पहली फरवरी से बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के नहीं मिलेगा प्रवेश
Gorakhpur News: गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पहली फरवरी से छात्र-छात्राओं को बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के प्रवेश नहीं मिलेगा। कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने इस आदेश को कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।;
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पहली फरवरी से छात्र-छात्राओं को बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के प्रवेश नहीं मिलेगा। कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने इस आदेश को कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय की कुलपति ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सेवा योजना की सराहना की। कहा, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा सरकार द्वारा प्राप्त विभिन्न आयामों पर लगातार कार्यक्रम कराए जाते हैं। उसी के कड़ी में आज का यह कार्यक्रम आयोजित है। स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को दिशा देने का काम आपका है, आपको समाज में जागरूकता फैलानी होगी। देश की उन्नति में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सड़क पर वाहन लेकर निकलने से पहले प्रत्येक को प्रण लेना चाहिए कि मैं हेलमेट एवं सीट बेल्ट का सदैव प्रयोग करूंगा। उन्होंने मंच से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में तत्काल प्रभाव से बिना हेलमेट के प्रवेश प्रतिबंधित करने की घोषणा की।
लापरवाही और ओवरस्पीड हादसों का कारण
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय गोरखपुर एवं यातायात पुलिस के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के 31 जनवरी को विश्वविद्यालय के संवाद भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। संभागीय परिवहन अधिकारी रामवृक्ष सोनकर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं, जिन्हें रोका जा सकता है । गोरखपुर में यदि दुर्घटना की आंकड़े देखे जाएं तो लापरवाही और ओवर स्पीडिंग दुर्घटना के प्रमुख कारणो मे से एक है। सड़क सुरक्षा के विषय में जागरूकता उत्पन्न कर यातायात नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।
2024 में 435 जानें गईं
संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन संजय कुमार झा ने बताया कि गोरखपुर में वर्ष 2023 में हुई कुल 1284 दुर्घटनाओं में 494 लोगों तथा वर्ष 2024 में 1276 सड़क दुर्घटनाओं में 435 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। इसमें आंकड़ों में 18 से 35 वर्ष की युवाओं की संख्या का जिक्र किया गया। जिनमें से अधिकांश मृत्यु बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने वाले रेखांकित किए गए। इन्होंने बताया की सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं में जनहानि में 50% से अधिक कमी ले जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार संवेदनशील है। बीते एक जनवरी को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा इस निमित्त निर्देश दिए गए थे जिसका अनुपालन परिवहन विभाग के साथ-साथ संबंधित स्टेकहोल्डर विभागों द्वारा किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया कि एक्सीलेटर वेस्ट ड्राइविंग में सड़क पर किसी भी प्रकार के अवरोध को देखकर गति कम करना आवश्यक है। यातायात नियमों का पालन करते हुए व्यवहारजन्य परिवर्तन लाकर दुर्घटनाओं में प्रभावी कमी लाई जा सकती है।
डॉ.सत्यपाल सिंह, समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने बताया गया की एनएसएस निरंतर यातायात पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के सहयोग हेतु तत्पर रहती है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा दिनांक 02 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 तक यातायात पखवाड़े के माध्यम से बृहद यातायात जागरूकता कार्यक्रम संचालित गए थे। उन कार्यक्रमों का जिक्र भी उन्होंने किया। छात्र-छात्राओं को समझाते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि सड़क पर जब दुर्घटना होती है तो इसका असर परिवार के ऊपर विपरीत रूप से पड़ता है। सड़क सुरक्षा नियमों को व्यवहार रूप में अमल किया जाने की आवश्यकता है।