Gorakhpur News: NHAI के ठेकेदार ने ‘नया गोरखपुर’ के लिए खरीदी जमीन से खोद डाली लाखों की मिट्टी, GDA के जाल में ऐसे फंसा
Gorakhpur News: मिट्टी खनन की स्थिति को देखने जीडीए सचिव यूपी सिंह बालापार और मानीराम पहुंचे तो देखा कि दर्जन भर स्थानों 4 से 10 फीट तक मिट्टी खनन किया गया है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना नया गोरखपुर के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा अधिग्रहित की गई 175 एकड़ जमीन से एनएचएआई के पेटी ठेकेदार ने लाखों रुपये कीमत की मिट्टी खनन करा दी। ठेकेदार को जीडीए के अधिकारियों ने ग्रामीण बन कर बात की। रिकॉर्डिंग के बाद जीडीए सचिव ने एनएचएआई के एक पेटी ठेकेदार के खिलाफ चिलुआताल थाने में नामजद तहरीर दी है। चिलुआताल थाने के इंस्पेक्टर अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
प्राधिकरण के अधिकारियों को बालापार और मानीराम में ग्रामीणों की मदद से मिट्टी खनन का पता चला तो पड़ताल की गई। ठेकेदार से किसान बनकर बात की गई। जिसपर वह मिट्टी खनन के लिए 1000 रुपये प्रति डिसमिल के हिसाब से भुगतान करने को राजी हो गया। साक्ष्य के तौर पर इसकी रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित कर ली गई है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना में विकास प्राधिकरण राजस्व ग्राम बालापार, मानीराम, रहमतनगर, सोनबरसा, महराजगंज, परमेश्वरपुर, बैजनाथपुर, विशुनपुर, देवीपुर, रामपुर गोपालपुर, ठाकुरपुर नंबर-1 व ठाकुरपुर दोयम में करार के आधार पर भूमि अर्जन की कार्यवाही कर रहा है। 3000 करोड़ रुपये की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्राधिकरण बालापार और मानीराम राजस्व ग्राम में 175 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर चुका है। मिट्टी खनन की स्थिति को देखने जीडीए सचिव यूपी सिंह बालापार और मानीराम पहुंचे तो देखा कि दर्जन भर स्थानों 4 से 10 फीट तक मिट्टी खनन किया गया है।
ड्रोन सर्वे से मिट्टी खनन की स्थिति जानने का प्रयास
सचिव यूपी सिंह ने मिट्टी खनन को लेकर ड्रोन सर्वे का निर्देश दिया है। जीडीए की टीम ड्रोन सर्वे से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितनी मिट्टी खोदी गई है। ठेकेदार द्वारा बड़े पैमाने पर मिट्टी खनन कराया गया है। सचिव का कहना है कि चिलुआताल थाने में कुलवंत सिंह के खिलाफ तहरीर दे दी गई है। ड्रोन सर्वे से पता किया जा रहा है कि कितने घन फीट मिट्टी का खनन हुआ है। एनएचएआई को पत्र लिखकर ठेकेदार का भुगतान रोकने की मांग की जाएगी। इसकी रिकवरी भी कराएंगे। पुलिस ने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।