Gorakhpur: अंग्रेजों के बनवाए भवन में नये सिरे से विकसित होगा पुस्तकों का संसार, 15 हजार पुस्तकों को मिलेगा नया जीवन

Gorakhpur News: नगर निगम में स्थित लाइब्रेरी की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान 1925 में हुई थी।

Update: 2024-08-10 02:30 GMT

Gorakhpur News   (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर निगम की बिल्डिंग अंग्रेजों ने बनवाई थी। पुरानी बिल्डिंग के जर्जर होने के बाद नये भवन में कामकाज हो रहा है। पर, बिल्डिंग निर्माण के शताब्दी वर्ष में पूरी बिल्डिंग को लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जाएगा। लाइब्रेरी की 15 हजार से अधिक दुर्लभ पुस्तकों के सरंक्षण के साथ ही यहां हाईटेक लाइब्रेरी की सभी सुविधाएं होंगी।

नगर निगम में स्थित लाइब्रेरी की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान 1925 में हुई थी। तब तत्कालीन अमन-ओ-अमन सभा के कार्यकारिणी सदस्यों ने शहर के बुद्धिजीवियों के लिए इस लाइब्रेरी की स्थापना की। होम्स क्लेन अमन-ओ-अमन पुस्तकालय से पहचान रखने वाली इस लाइब्रेरी का नाम महान साहित्यकार पंडित राहुल सांकृत्यायन के नाम पर कर दिया गया। इस पुस्तकालय में बहुत सी ऐसी दुर्लभ पुस्तकें आज भी हैं जो प्रिंट से बाहर हैं। 15 हजार से अधिक की पुस्तकों से समृद्ध लेकिन उपेक्षित पड़े पुस्तकालय का संयोग है कि उसकी स्थापना के 100 साल पूरे होने के पूर्व ई-लाइब्रेरी के रूप में नए दौर की जरूरतों के मुताबिक समृद्ध बनाया जा रहा।

10 हजार पुस्तक रखने की होगी क्षमता

लाइब्रेरी की पुरानी बिल्डिंग को उसके पुराने स्वरूप को बनाए रखते हुए रेड स्टोन से सवारी जाएगी। 2410 वर्ग फीट में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 2 ग्रुप स्टडी एरिया, 10 हजार पुस्तक रखने की क्षमता की बुक स्लैब, कैफेटेरिया, ऑडियो विजुअल सिस्टम रूम एवं चार कंम्प्यूटर से सुसज्जित कक्ष बनेगा। एक वेटिंग एरिया बनाने के साथ दीवारों पर गोरखपुर समृद्ध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए आर्ट वर्क होंगे। एक रिसेप्शन भी बनेगा।

1925 में स्थापित लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार पर खर्च होंगे 2 करोड़

मुख्स अभियंता संजय चौहान का कहना है कि महानगर के ह्दय स्थल पर हमारी कोशिश सभी को सर्वसुलभ लाइब्रेरी आधुनिक सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराने की है। जहां प्रतियोगी छात्रों से लेकर साहित्यप्रेमी भी सुविधापूर्ण महौल में अध्ययन अध्यापन कर सके। लाइब्रेरी के पुराने भवन को धरोहर की तरह सहेजते हुए लाइब्रेरी की दुर्लभ पुस्तकें भी संरक्षित होंगी। दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम परिसर में 1925 में स्थापित होम्स क्लेन लाइब्रेरी का अगले साल उसकी स्थापना का शताब्दी वर्ष होगा। अपने शताब्दी वर्ष में गोरक्षनगरी की यह धरोहर ई-लाइब्रेरी में तब्दील हो जाएगी। गोरखपुर नगर निगम राज्य स्मार्ट सिटी परियोजना में इसे ई-लाइब्रेरी के रूप में विकसित कर रहा है। भवन के पुरातन समृद्धि एवं सौंदर्य के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस ई-लाइब्रेरी पर 2.05 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

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