Gorakhpur News: साप्ताहिक बाजार में बॉग्लादेश के सस्ते कपड़े हो गए गायब, इन सेक्टर पर भी असर
Gorakhpur News: संतकबीर नगर के बरदहिया बाजार में हर सप्ताह तीन से चार ट्रक रेडीमेड गारमेंट पहुंचता है। यहां 25 से लेकर 50 रुपये में टी-शर्ट आती है।
Gorakhpur News: बांग्लादेश में तख्ता पलट से गरीबों के सस्ते कपड़े के आयात पर संकट खड़ा हो गया है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के कस्बाई इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश से आने वाला सस्ता कपड़ा गायब होने लगा है। संतकबीर नगर के बरदहिया बाजार में तो बांग्लादेश से लाए गए रेडीमेड कपड़े की धूम होती है। यहां शनिवार से सोमवार को लगने वाले बाजार में 4 से 5 ट्रक कपड़ा बांग्लादेश से आता है।
बांग्लादेश से लाए जाने वाले सस्ते रेडीमेड गारमेंट को संतकबीर नगर के बरदहिया बाजार से लेकर कस्बाई इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में खपाया जाता है। जानकार बता रहे हैं कि संतकबीर नगर के बरदहिया बाजार में हर सप्ताह तीन से चार ट्रक रेडीमेड गारमेंट पहुंचता है। यहां 25 से लेकर 50 रुपये में टी-शर्ट आती है। कारोबारी राशिद बताते हैं कि बांग्लादेश संकट का असर सस्ते कपड़ों पर पड़ेगा। स्थानीय कस्बाई बाजार में रेडीमेड कपड़ों में 20 फीसदी तक की महंगाई दिख सकती है। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह बताते हैं कि अच्छी क्वालिटी का कॉटन शर्ट भी दिल्ली और कोलकाता के ब्रोकर के जरिये गोरखपुर समेत पूर्वांचल के जिलों में पहुंचता है। बड़े-बड़े ब्रांड भी बांग्लादेश से जाब वर्क कराते हैं। इसका सीधा असर यहां के कारोबार पर पड़ेगा।
कोलकाता के हाट बाजार में लगती है बांग्लादेशी कपड़ों की मंडी
रेडीमेड कपड़ों के कारोबारी दिनेश गुप्ता बताते हैं कि कोलकाता के हाबड़ा स्थित हॉट बाजार और मठिया ब्रिज पर बांग्लादेश निर्मित कपड़ा बड़ी मात्रा में बिकता है। अच्छे दुकानों पर इसकी खपत नहीं है। फेरी वाले और साप्ताहिक बाजार में इसकी बिक्री होती है। किलो के हिसाब से खरीदकर आने वाले कपड़ों की ग्रामीण इलाकों में अच्छी मांग है। कपड़ों के कारोबारी अरुण वलानी का कहना है कि टोपी गोरखपुर से लेकर संतकबीर नगर में बनती है। लोकल टोपी की मांग बढ़ने की उम्मीद है।