Gorakhpur News: यू-विन एप से मिली टीकाकरण को रफ्तार, छह बार रिमाइंडर भेज कर सुनिश्चित किया जा रहा टीकाकरण
Gorakhpur News:यू-विन एप के जरिये जिले में सरकारी तंत्र में हो रहे टीकाकरण को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसकी मदद से बच्चों, गर्भवती और किशोर किशोरियों का समय से नियमित टीकाकरण संभव हो पा रहा है।
Gorakhpur News: स्वास्थ्य विभाग के यू-विन एप के जरिये जिले में सरकारी तंत्र में हो रहे टीकाकरण को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसकी मदद से बच्चों, गर्भवती और किशोर किशोरियों का समय से नियमित टीकाकरण संभव हो पा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में अब इस सेवा को निजी अस्पतालों तक विस्तार देने की तैयारी है। जिले में इस पोर्टल के जरिये एक वर्ष तक के करीब 1.84 लाख बच्चों, एक से पांच वर्ष तक के 79152 बच्चों, 62858 गर्भवती और 10594 किशोर किशोरियों का टीकाकरण किया जा चुका है। इस पोर्टल पर लाभार्थी जब एक बार पंजीकृत हो जाता है, तो उसके प्रत्येक ड्यू (बचे हुए) टीके के लिए पंजीकृत नंबर पर छह बार रिमाइंडर भेजा जाता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा का कहना है कि बच्चों को बारह प्रकार की गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पांच वर्ष में सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी है। इसी प्रकार गर्भावस्था और किशोरावस्था में टीडी का टीका लगवाना अनिवार्य है। टीकाकरण की पहले की व्यवस्था में लाभार्थी कई बार कार्ड समय से देख नहीं पाते थे और टीकाकरण छूट जाता था। आशा कार्यकर्ता को भी फॉलो अप करने में दिक्कत होती थी, लेकिन यू-विन ने इस कार्य को आसान कर दिया है। अब कोई भी लाभार्थी जब टीकाकरण के लिए सत्र स्थल पर आता है तो उसके मोबाइल नंबर के जरिये यू-विन पर पंजीकरण कर दिया जाता है। इसके लिए लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भी भेजी जाती है और उसी ओटीपी के जरिये पंजीकरण होता है। पंजीकरण के बाद टीका लगाया जाता है और सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन जेनरेट होकर लाभार्थी को मिल जाता है।
डॉ. कुशवाहा ने बताया कि लाभार्थी खुद भी यूविन पोर्टल पर स्लॉट बुक कर नजदीकी सत्र स्थल का चयन कर टीकाकरण करवा सकते हैं। जिले में करीबी चार से पांच फीसदी लाभार्थियों ने यू-विन पर खुद स्लॉट बुक कर अपने बच्चों, किशोर किशोरियों और घर की गर्भवती का नियमित टीकाकरण करवाया है। जिले में करीब 52695 सत्र यू-विन के जरिये ही सम्पन्न हुए हैं। जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण जीरो डोज टीकाकरण भी इसके जरिये किया जा रहा है। करीब 21 हजार से अधिक नवजात शिशुओं को इसके जरिये प्रसव केंद्रों पर ही जीरो डोज टीकाकरण की सुविधा प्रदान की गई। कोई भी बच्चा जिस दिन यू-विन में पंजीकृत होता है उसी दिन उसके जन्मतिथि के अनुसार यू-विन उसके सभी टीकों का ड्यू डेट तय कर देता है। इससे बच्चे के टीकाकरण से वंचित होने की आशंका कम हो जाती है।
टीकों की गुणवत्ता पर विशेष जोर
डॉ. कुशवाहा ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर जितने भी कोल्ड चेन हैं वहां टीकों की गुणवत्ता यू-विन के जरिये सुनिश्चित की जा रही है। वहां टीकों के रखरखाव के लिए आईयलआर, डीप फ्रीजर और तापमान निगरानी के लिए टेंपरेचर लागर थर्मामीटर प्रयोग किया जा रहा है। सभी टीकाकरण अधिकारियों को आइस पैक कंडीशन करके भेजने के लिए कहा गया है ताकि पीसीबी आईपीबी और पेंटा जैसी महंगी वैक्सीन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। यू-विन के जरिये नियमित टीकाकरण के प्रभावों की भी रिपोर्टिंग की जाती है।
पहचान पत्र भी साथ लाएं
डॉ. कुशवाहा ने अपील की कि प्रत्येक लाभार्थी अपने मोबाइल नंबर के साथ-साथ अपना पहचान पत्र भी सत्र स्थल पर अवश्य ले आयें। एक बार मोबाइल नंबर और पहचान पत्र से रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद दूसरे जनपद और अन्य राज्यों में भी मोबाइल नंबर और पहचान पत्र से टीकाकरण करवा सकते हैं।
इन बीमारियों से बचाता है टीकाकरण
डायरिया, डिप्थीरिया, पोलियो, पीलिया, परटूसिस, टीबी, टिटनेस, इन्फ्लुएंजा,निमोनिया, मीजिल्स, रुबेला, इन्सेफलाइटिस