Gorakhpur: संकट में बच्चों के इलाज के लिए बने पीकू सेंटर, बर्बाद हो रहीं करोड़ों की मशीनें

Gorakhpur: पीकू के संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग और एचयूआरएल के बीच अनुबंध हुआ था। इसके तहत एक साल तक इसका संचालन एचयूआरएल को करना था।

Update: 2024-04-13 06:22 GMT

गोरखपुर में संकट में बच्चों के इलाज के लिए बने पीकू सेंटर (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बेहतर इलाज देने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष सुविधाएं दी गईं थीं। जंगल कौड़िया और चरगांवा में संचालित पीडियाट्रिक आईसीयू तो बंद होने के कगार पर है। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के लिए स्वास्थ्य महकमा कोई व्यवस्था नहीं कर सका है। गोरखपुर में 17 पीकू सेंटरों को विकसित करने पर 24 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

दरअसल इन पीकू के संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग और एचयूआरएल के बीच अनुबंध हुआ था। इसके तहत एक साल तक इसका संचालन एचयूआरएल को करना था। उसके बाद यह स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर हो जाएगा। मार्च 2023 में जंगल कौड़िया और चरगांवा में पीकू का संचालन शुरू हुआ था। लेकिन अब अनुबंध खत्म होने के बाद एचयूआरएल हाथ पीछे खींच रहा है। बच्चों के बेहतर इलाज के लिए पीकू को विशेष तौर पर तैयार किया गया था। यहां पर मल्टी पैरा कार्डियक मॉनिटर, वेंटिलेटर, स्पेशल डिजाइन बेड, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर समेत सभी जरूरी व अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं। तीन बेड वाले प्रत्येक पीकू में एक बालरोग विशेषज्ञ, चार सामान्य चिकित्सक, चार नर्स, चार वार्ड ब्वाय और तीन आईसीयू तक

17 सीएचसी पर संचालित हैं पीकू केन्द्र

ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में गंभीर बीमार बच्चों के इलाज के लिए संचालित पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) पर संकट दिख रहा है। जिले के 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पीकू संचालित है। दो के बंद होने से बच्चों का इलाज ठप है। जिम्मेदार बताने को तैयार नहीं है कि जंगल कौड़िया और चरगांवा सीएचसी में संचालित पीकू में तीन-तीन वेंटिलेटरयुक्त बेड का क्या होगा।

24 करोड़ डूबने का खतरा

सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) आगे आया था। एचयूआरएल ने कॉरपोरेट एनवायरनमेंट रिस्पांसबिलिटी (सीईआर) फंड से जिले में 17 पीकू या पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (बाल सघन चिकित्सा देखभाल इकाई) का निर्माण कराया। इसकी कुल लागत करीब 24 करोड़ 71 लाख रुपए आई। लेकिन अनुबंध खत्म होने के बाद सब कुछ बेपटरी दिख रहा है।

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