Gorakhpur News: अंग्रेजों के समय से रह रहे थे 35 परिवार, अचानक पहुंचे 6 बुलडोजर, मकानों को कर दिया जमीदोज

Gorakhpur News: नगर निगम से चंद मीटर की दूरी यानी घोष कंपनी पर अपनी 48 डिसमिल जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा था। जमीन पर 35 से ज्यादा लोगों का कब्जा था। नगर निगम प्रशासन ने सभी को पिछले दिनों आखिरी नोटिस दिया है।

Update: 2024-01-24 13:24 GMT

Gorakhpur News (Pic:Newstrack)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई में नगर निगम की 100 करोड़ से अधिक कीमत की जमीन को मुक्त कराया गया। इस जमीन पर अंग्रेजों के समय से लोग कब्जा कर रह रहे थे। कई लोगों का मामला भी कोर्ट में है। लेकिन अचानक हुई कार्रवाई के बाद चंद घंटों में कब्जा को 6 बुलडोजर से ध्वस्त कर जमीन को समतल कर दिया गया।

नगर निगम दे रहा ये दलील

नगर निगम से चंद मीटर की दूरी यानी घोष कंपनी पर अपनी 48 डिसमिल जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा था। जमीन पर 35 से ज्यादा लोगों का कब्जा था। नगर निगम प्रशासन ने सभी को पिछले दिनों आखिरी नोटिस दिया है। कब्जा खाली न करने पर पुलिस की मौजूदगी में हटाने की चेतावनी दी थी। बुधवार को अपर आयुक्त निरंकार सिंह के नेतृत्व में पहुंची नगर निगम और पुलिस की टीम ने 6 बुलडोजर से अवैध कब्जे को जमीदोज कर दिया। जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक की बताई जा रही है। कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने कोर्ट के कागज को भी दिखाने की कोशिश की लेकिन नगर निगम की टीम ने एक नहीं सुनी। करीब दो घंटे की कार्रवाई में 35 से अधिक मकान और टिन शेड को गिरा दिया गया।

अंग्रेजों के जमाने में था अस्तबल

नगर निगम की जमीन पर अंग्रेजों के जमाने में अस्तबल था। अंग्रेज अफसरों की बग्घियां और घोड़े यहीं पर रहते थे। बग्घियां चलाने वालों के परिवार भी यहीं रहते थे। बग्घयिां चलनी बंद हुईं तो इन्हें चलाने वालों के परिवार यहीं रहने लगे। नगर निगम के अफसरों की जांच में पता चला था कि घोष कंपनी की जमीन को वहां रहने वालों ने कुछ लोगों को बेच दी है। यह लोग जमीन खरीदने का कागज दिखा रहे हैं।

हालांकि अफसरों का कहना है कि सरकारी जमीन को बेचा नहीं जा सकता है। जिनके पास कागज होंगे भी वह फर्जी होंगे। नगर निगम की जमीन पर दुकानें भी खुल गई थी। कुछ लोगों ने अपने मकान भी बना लिए थे। ज्यादातर हिस्से पर बाइक बनाने वाले मैकेनिकों का कब्जा था। नगर आयुक्‍त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि घोष कंपनी की जमीन कब्जा करने वालों को नोटिस दिया जा चुका था। अफसरों ने सभी से मुलाकात कर जल्द से जल्द सामान लेकर हटाने को कहा गया था। लेकिन चेतावनी का कोई असर नहीं होता देख बुलडोजर की कार्रवाई करानी पड़ी।

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