Gorakhpur News: जयंती जनता’ से ‘वैशाली एक्सप्रेस’ तक का सफर, 26 जनवरी को होगी साल की

Gorakhpur News: वैशाली का परिचालन समय से होने और इसके हर कोच सुंदर दिखने से लोगों को इसका सफर खूब भाता था। वैशाली की शान अब भी बरकरार है। दिल्ली जाने वाले यात्री गोरखधाम के बाद दूसरी प्राथमिकता वैशाली को ही देते हैं।;

Update:2025-01-18 09:21 IST

Gorakhpur News ( फोटो - सोशल मीडिया से साभार )

Gorakhpur News: बिहार के सहरसा से गोरखपुर होते हुए दिल्ली तक जाने वाले वैशाली एक्सप्रेस पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं इससे सफर करने वाले यात्रियों के लिए राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस से कम नहीं है। आने वाले गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को वैशाली के सफर की उम्र 41 वर्ष की हो जाएगी। कई अनुभवों को समेटे हुए वैशाली की जयंती को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे से लेकर यात्री तक खुशियों को साझा करेंगे।

गणतंत्र दिवस के दिन 41 वर्ष की होने वाली ‘वैशाली’ का गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जोरदार स्वागत होगा। इस दिन रूट के सभी स्टेशनों पर वैशाली एक्सप्रेस की विशेषता बताई जाएगी। सहरसा से चलकर गोरखपुर के रास्ते नई दिल्ली जाती है वैशाली 3 करोड़ से अधिक यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचा चुकी है यह ट्रेन। वैशाली ट्रेन में टीटीई की जिम्मेदारी निभा चुके केके श्रीवास्तव बताते हैं कि गोरखपुर-लखनऊ रूट में वैशाली की तुलना राजधानी से करते थे लोग। एक दौर था जब लखनऊ रूट पर सफर करने वाले यात्री वैशाली एक्सप्रेस की तुलना राजधानी से किया करते थे।

दरअसल, वैशाली का परिचालन समय से होने और इसके हर कोच सुंदर दिखने से लोगों को इसका सफर खूब भाता था। वैशाली की शान अब भी बरकरार है। दिल्ली जाने वाले यात्री गोरखधाम के बाद दूसरी प्राथमिकता वैशाली को ही देते हैं। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर रूट से चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस 26 जनवरी 1984 से शुरू हुई थी। 41 साल पूरे होने पर ट्रेन को दुल्हन की तरह सजकर रवाना होगी। प्रमुख स्टेशनों का इसका स्वागत भी किया जाएगा। वैशाली, उन ट्रेनों में शुमार है, जो अभी तक के सफर में सबसे कम निरस्त हुईं और लेटलतीफी भी अन्य ट्रेनों की तुलना में कम रही है।

शुरूआत में जयंती जनता एक्सप्रेस के नाम से दौड़ती थी ट्रेन

वैशाली एक्सप्रेस बनने से पहले यह जयंती जनता एक्सप्रेस थी। जिसका परिचालन 31 अक्टूबर 1973 को समस्तीपुर से नई दिल्ली तक हुआ। इसका उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने किया था। शुरुआत में ट्रेन समस्तीपुर से खुलकर बरौनी, मोकामा, पटना के रास्ते नई दिल्ली को जाती थी। 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के बड़ी रेललाइन में परिवर्तित होने के बाद यह मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बरौनी, पटना होकर चलने लगी। 7 साल बाद वर्ष 1982 से बरौनी से खुलकर मोकामा, पटना नहीं जाकर यह समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर होकर चलने लगी। इसके बाद 1984 से इसका संचालन वाया गोरखपुर से हो गया। फिर 7 मार्च 2019 से इसका विस्तार सहरसा तक कर दिया गया।

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