Gorakhpur News: 125 साल पुरानी ईंट और दरो-दीवार से साफ होगी धूल, पांच करोड़ से ‘हेरिटेज’ को संवारेंगे

Gorakhpur News: नगर निगम की पुराने हेरिटेज भवन को संरक्षित करने के लिए नए सिरे से पुरानी डिजाइन को संरक्षित करते हुए प्लास्टर, फ्लोरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, टाइल, पेंट-पालिस, पलंबिंग के कार्य किए जाएंगे।

Update:2024-12-29 09:20 IST

Gorakhpur News ( Photo- Newstrack )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नगर निगम के पुराने भवन में कभी लोकल सरकार की गहमागहमी होती थी। अब इसे हेरिटेज के तौर पर संरक्षित किया जा रहा है। शासन ने इसके जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं। पुरानी डिजाइन को संरक्षित करते हुए प्लास्टर, फ्लोरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, टाइल, पेंट-पालिस, पलंबिंग के कार्य किए जाएंगे।

राज्य स्मार्ट सिटी परियोजना मद से नगर निगम की 125 साल पुराने भवन को संरक्षित करते हुए उसे हेरिटेज भवन और संग्रहालय में तब्दील किया जाएगा। प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने हेरिटेज भवन टाउनहाल के प्रथम तल के जीर्णोद्धार परियोजना को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए पांच करोड़ रुपये की धनराशि गुरुवार को अवमुक्त कर दिया। उधर कार्यदायी संस्था के अवर अभियंता ओपी यादव ने निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के लिए रविवार को ई-टेंडर भी जारी कर दिया।

नगर निगम की पुराने हेरिटेज भवन को संरक्षित करने के लिए नए सिरे से पुरानी डिजाइन को संरक्षित करते हुए प्लास्टर, फ्लोरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, टाइल, पेंट-पालिस, पलंबिंग के कार्य किए जाएंगे। अत्याधुनिक शौचालय के साथ कारिडोर में म्यूरल का काम होगा। इसके अलावा सभी कक्ष को नए सिरे से सुसज्जित किया जाएगा। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि पुराने भवन को संग्रहालय बनाने का 90% काम पूरा हो गया है। शहर के लोगों को पुरानी वस्तुओं को जुटाया जा रहा है। ताकि संग्रहालय में आकर सैलानियों को गोरखपुर के अतीत का दर्शन हो सके।

भवन की पहचान है ‘अम्न-ओ-अमान’

1899 में निर्मित गोरखपुर नगर निगम के पुराने भवन को कभी,‘अम्न-ओ-अमान’ (शांति और सुरक्षा) नाम से जाना जाता था, जिसमें अम्न-ओ-अमान सोसाइटी संचालित होती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के मुताबिक नगर निगम इसे संग्रहालय बनाने में जुटा है। गोरक्षनगरी की साहित्यिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत का संरक्षण करने के साथ नगर निगम की विकास यात्रा को प्रदर्शित करता संग्रहालय भी बनाया जाए।

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