भीषण बारिश में टूट गया CM योगी के कान्हा उपवन का सपना
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ जलमग्न, सीएम का कान्हा उपवन के सपने पर फिरा पानी, जी हां गोरखपुर में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर के काम युद्ध स्तर पर हुआ। इस योजना की कार्यदाई संस्था सीएनडीएस है। सीएम को खुश करने के लिए समयानुसार उस काम को पूरा कर उनके सामने भी दिखा दिया गया।
गोरखपुर: सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ जलमग्न, सीएम का कान्हा उपवन के सपने पर फिरा पानी, जी हां गोरखपुर में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर के काम युद्ध स्तर पर हुआ। इस योजना की कार्यदाई संस्था सीएनडीएस है। सीएम को खुश करने के लिए समयानुसार उस काम को पूरा कर उनके सामने भी दिखा दिया गया।
जिसको अभी महज 6 तारीख को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ भी किया था, अब पशुओं को शेल्टर में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही थी। लेकिन बारिश की पहली बूंदों ने ही सीएम के उस सपने को चूर भी कर दिया, और प्रशासनिक अमले के काम की कलई भी खोल दी।
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सत्ता संभालते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसहारा पशु के संरक्षण के लिए एक निश्चित स्थान का चयन किया था, और हर जिले में कान्हा उपवन नाम से बजट भी पास किया, उसको बनाने के लिए। लेकिन गोरखपुर के अधिकारियों या ठेकेदारों के जहन पर सीएम के इस गंभीर और ड्रीम प्रोजेक्ट का कोई भी असर पड़ता नजर नहीं आया।
सीएम को खुश करने के लिए उन्होंने आनन-फानन में कान्हा उपवन को जैसे-तैसे तैयार तो कर दिया, और करोड़ों का बजट भी इसमें दिखा दिया। लेकिन बारिश की पहली बूंदों ने इस बजट और प्रशासनिक अमले के कामों की कलई खोल दी। आज यह कान्हा उपवन जलमग्न हो गया है।
6 जुलाई की तारीख को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब इस कान्हा उपवन में कदम रखा था। तो यह कान्हा उपवन वाकई कान्हा उपवन नजर आ रहा था। चारों तरफ सुंदर दिवाले, फर्श पर मैट बिछे हुए थे। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कान्हा उपवन में दाखिल होते हैं, तो मैंट पर उनका स्वागत होता है, और कान्हा उपवन में शामिल होने के बाद वह वृक्षारोपण भी करते हैं, और इस कान्हा उपवन को देख खुश भी होते हैं, और शुभारंभ कर अधिकारियों के पीठ थपथपा कर फिर निकल जाते हैं।
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लेकिन सीएम का यह पीठ थपथपाना शायद उनके कामों को लेकर सही नहीं था। अधिकारी और ठेकेदारों ने काम इस तरह कराया की उनके कामों का पोल खोलता महज चंद दिनों में नजर आया।
आज कान्हा उपवन पूरी तरीके से जलमग्न नजर आ रहा है। जहां तक निगाहें जा रही, वहां तक पानी ही पानी नजर आ रहा है, इस पूरे कान्हा उपवन में तकरीबन ढाई से तीन फुट पानी लगा हुआ है।
वहाँ के स्थानीय नागरिक विवेक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस कान्हा उपवन यानी सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की बु आ रही है, और भ्रष्टाचार की बेदी पर कान्हा उपवन बलि चढ़ता नजर आ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ को शायद इस बात की जानकारी नहीं, कि जिस कान्हा उपवन का उन्होंने 6 जुलाई को शुभारंभ कर किया था, और जिन गायों के संरक्षण के लिए इस कान्हा उपवन की नींव रखी गई थी। वह महज एक सपना बनकर रह जाएगा 7 करोड़ की लागत से बना 9 एकड़ में कान्हा उपवन हाथी के दांत साबित हो रहा है।
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मगर अधिकारी और जिम्मेदार के जहन पर बहुत फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। पिछले 1 हफ्ते से जलमग्न हुआ यह कान्हा उपवन आज भी अपने अस्तित्व का इंतजार कर रहा है। कान्हा उपवन में जलभराव की वजह से स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं ठेकेदार गुड्डू निषाद की बात करें तो, ठेकेदार का मानना है, कि हमारा काम केवल इसको मॉडिफाई कर बनवा देना था, जिसने ड्राइंग किया है। उससे भी पूछा जा सकता है। दबी आवाज से ठेकेदार ने कहा, सत्ता सम्भालते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गायों , आवारा पशुओं के लिए एक निश्चित स्थान का चयन किया था, और हर जिले में कान्हा उपवन नाम से बजट भी पास किया, उसको बनाने के लिए करोड़ो का बजट भी सेंसन्स किया था, लेकिन गोरखपुर के अधिकारियों या ठेकेदारों जहन पर सीएम के इस सपने को साकार करने की कुछ ज्यादा ही जल्दी थी।
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अब इस पूरे कान्हा उपवन में जब पड़ताल की गई, तो एग्जिट निकलकर तो नहीं आया, लेकिन यह जानकारी मिली, कि इसकी पूरी कार्यदाई संस्था जल निगम है, जल निगम जीडीए और नगर निगम के द्वारा ठेकेदारों के सहयोग से इस पूरे कान्हा उपवन का निर्माण 8 एकड़ में होना था। जिसकी कीमत तकरीबन 7 करोड़ लगाई गई थी, और बजट भी पास हो गया था। लेकिन बजट तो दिखा दिया गया, लेकिन कान्हा उपवन बनके भी आज अधूरा पड़ा है।
अब ऐसे में जब सीएम सिटी में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कान्हा उपवन का ये हाल है, तो बाकी जिलो में बाकी प्रोजेक्ट के हाल क्या होंगे इसका अंदाज बखूबी लगाया जा सकता है, अब जरूरत है, ऐसे अधिकरियो और ठेकेदारों को चिन्हित कर कार्यवाही करने की, ताकि आगे से इस तरह सीएम के सपने को लेकर कोई लापरवाही न कर सके।