Sambhal: विकास में फिसड्डी, सरकारी पैसे की बंदरबांट में अव्वल संभल का पंवासा विकासखंड
Sambhal: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद संभल के पंवासा विकासखंड में सरकारी धन का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर देखने को मिला है।
Sambhal news: पंचायत घर और सामुदायिक शौचालय पर लटके ताले, पंचायत सहायक और केयरटेकर की तनखा को खा रहे ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद संभल के पंवासा विकासखंड में सरकारी धन का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर देखने को मिला है। सामुदायिक शौचालय तथा पंचायत घर महज सफेद हाथी बन कर खड़े हो गए हैं। इनको बनाने में भी काफी धन का दुरुपयोग किया गया है।
पैंतिया के सामुदायिक शौचालय में लटके थे ताले
विकासखंड की जीरो ग्राउंड रिपोर्ट लेने के लिए हमारी टीम सबसे पहले पैंतिया के सामुदायिक शौचालय पर पहुंची जहां लंबे समय से सामुदायिक शौचालय पर ताला लटका हुआ है, उसके बाद हमारी टीम रसूलपुर धतूरा पहुंची वहां भी जब से सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है तब से आज तक खुला ही नहीं है। उसके बाद हमारी टीम धूरैटा की मंडय्यो पहुंची जहां पर काफी गंदगी और सामुदायिक शौचालय पर ताले लटके थे, जिसमें ग्रामीणों ने पराली भी रख रखी थी उसके बाद ग्राम पंचायत मुजफ्फरपुर के मजरा असलम पुर में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां सामुदायिक शौचालय में ताले लटके थे वहीं पंचायत घर में ग्राम प्रधान के आलू पड़े हुए थे।
10 साल पहले थी ग्राम पंचायतों की आज भी वही स्थिति
जो आखिर पंचायत घर को ग्राम प्रधान अपने निजी स्वार्थ के लिए क्यों प्रयोग कर रहा है। इन सब सामुदायिक शौचालयों तथा पंचायत घर पर तैनात पंचायत सहायक और केयरटेकर को मिलने वाला वेतन ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव खा रहे हैं। आखिर पंवासा विकासखंड में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता क्यों लगाया जा रहा है। आखिर जिम्मेदार इस ओर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्या जिम्मेदार सरकार की नीतियों को पलीता लगाने पर आमादा हैं। अगर ग्राम पंचायतों की बात की जाए तो ग्राम पंचायतों की आज भी वही स्थिति है जो 10 साल पहले थी।
सामुदायिक शौचालय में तैनात केयरटेकर शर्मा की पत्नी विजय का आरोप
पंवासा विकासखंड की ग्राम पंचायत मुजफ्फरपुर में सामुदायिक शौचालय में तैनात केयरटेकर शर्मा की पत्नी विजय का आरोप है कि उसने डेढ़ साल तक सामुदायिक शौचालय में बतौर केयरटेकर कार्य किया, लेकिन उसे डेढ़ साल की तनख्वाह में केवल 1600 रुपए ही मिल पाए हैं, जिससे ग्राम प्रधान से कहने पर उसे सामुदायिक शौचालय से हटा दिया गया। भुगतान मांगने पर पीड़िता को धमकाया भी गया है।
कई बार पंवासा विकासखंड के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की: पीड़िता
पीड़िता का आरोप है कि उसने कई बार पंवासा विकासखंड के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की है लेकिन उसकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह थी की पंचायत घर में ग्राम प्रधान ने अपने आलू रख रखे थे।