उत्तर प्रदेश को मिले अब तक 66 हजार करोड़ रुपए के 96 निवेश प्रस्ताव
योगी सरकार आने के बाद से बदले माहौल के कारण कोरोना के दौरान भी निवेशकों के लगातार प्रस्ताव मिल रहे हैं।
लखनऊ: योगी सरकार आने के बाद से बदले माहौल के कारण कोरोना के दौरान भी निवेशकों के लगातार प्रस्ताव मिल रहे हैं। अब तक 66 हजार करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से 18 निवेशकों की 16 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी हो गयी है। निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट यूपी स्तर पर विगत अप्रैल से डेडिकेटेड हेल्पडेस्क चलाई जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी देश-विदेश के निवेशकों ने राज्य सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों पर पूरा भरोसा जताते हुए निवेश के प्रस्ताव दिये हैं। प्रदेश के त्वरित औद्योगिक विकास तथा रोजगार सम्भावनाओं के विस्तार के लिए इन निवेश प्रस्तावों को प्राथमिकता पर क्रियान्वित कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सभी निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसका समयबद्ध और शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कोविड-19 के खिलाफ जंग को लड़ने के साथ-साथ सभी सावधानियां बरतते हुए औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने का कार्य किया है। इसके लिए औद्योगिक गतिविधियों का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना काल खण्ड में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को शीघ्रता से लागू कराया जाए। निवेशकों से सतत सम्पर्क बनाये रखते हुए उन्हें नीति के अनुरूप हर सम्भव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्वेस्टर्स को अपने उद्यम की स्थापना करने में कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करते हुए राज्य को मेडिकल और इण्डस्ट्रियल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मई, 2021 में 'उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021' लागू की गयी है। इस नीति के आकर्षक प्राविधानों के परिणामस्वरूप ऑक्सीजन उत्पादन से जुड़ी अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियों ने प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना में रुचि दिखायी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी इन कम्पनियों से नियमित सम्पर्क कर परियोजनाओं को स्थापित कराने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लम्बित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। साथ ही राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा के साथ-साथ जिलास्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक के माध्यम से निवेशकों की स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जाए।