Sonbhadra News: व्यक्तिगत खाते में डकार लिए गए सरकार के 75 लाख, एसपी के निर्देश पर एफआईआर
Sonbhadra News: राजकीय पालिटेक्निक कालेज में 75.48 लाख के घपलेबाजी के मामले में राबर्टसगंज कोतवाली ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
Sonbhadra News: राजकीय पालिटेक्निक कालेज में 75.48 लाख के घपलेबाजी के मामले में राबर्टसगंज कोतवाली ने एफआईआर दर्ज कर ली है। कालेज के प्रिंसिपल की तहरीर और एसपी की तरफ से दिए गए निर्देश पर, कनिष्ठ सहायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। जहां प्रकरण में अलग-अलग तिथियों में काटे गए 2.98 करोड़ के चेक में हेराफेरी कर 75.48 लाख व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित किए जाने का आरोप लगाया गया है। वहीं एससी-एसटी छात्रों से ली जाने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति में भी घपलेबाजी की बात कही गई है।
Also Read
वर्ष 2019 से 2022 तक का मामला, 2022 में सामने आई थी घपलेबाजी:
ममला वर्ष 2019 का है। जिला मुख्यालय क्षेत्र के लोढ़ी स्थित राजकीय पालिटेक्निक कालेज के प्रधानाचार्य बृजेंदे्र सिंह ने पुलिस अधीक्षक को दी तहरीर में बताया है कि राजकीय पालिटेक्निक कालेज चोपन में तैनात कनिष्ठ सहायक नरेंद्र पांडेय के पास लोढ़ी स्थित पालिटेक्निक कालेज का भी चार्ज था। आरोप है कि उस दौरान उन्होंने 13 जून 2019 से 30 मार्च 2022 के बीच कुल 28 चेकों के जरिए दो करोड़ 98 लाख 353 रूपये निर्गत कराए लेकिन चेक में हेराफेरी कर, उक्त चेकों के जरिए उनके द्वारा 75 लाख 48 हजार 353 रूपये व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित कराए लिए गए। आरोपों के मुताबिक अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति में भी बड़ा घपला पाया गया।
राबटर्सगंज कोतवाली में नहीं दर्ज हुई एफआईआर, तब एसपी से लगाई गुहार: प्रधानाचार्य बृजेंद्र सिंह की तरफ से दी गई तहरीर के मुताबिक मामले की तहरीर
राबटर्सगंज कोतवाली में 19 मई 2022 को ही दी गई थी। दोबारा 20 मार्च 2023 को भी तहरीर राबटर्सगंज कोतवाली में दी गई। एफआईआर दर्ज न होने, एसपी डा. यशवीर सिंह से गुहार लगाई गई। इस पर एसपी ने मामले में एफआईआर दर्ज कर विवेचना का निर्देश दिया। इसके क्रम में मंगलवार की रात संबंधित कनिष्ठ सहायक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई। उधर, प्रधानाचार्य बृजेंद्र सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तहरीर दी गई थी। प्रकरण को लेकर संबंधित कनिष्ठ सहायक को पूर्व में निलंबित किया जा चुका है।
कनिष्ठ सहायक ने प्रधानाचार्य पर ही घपलेबाजी के लगाए थे आरोप:
यह मामले पिछले एक साल से खासा सुर्खियों में बने हुई है। जून 2022 में आरोपी कनिष्ठ सहायक ने प्रधानाचार्य पर ही दबाव बनाकर घपलेबाजी करने, इसमें संलिप्त होने और मामला उजागर होने पर उसे फंसाने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को शिकायत भी भेजी थी, जिसमें डीएम के निर्देश पर डीआईओएस ने जांच भी की थी। जांच में क्या स्थिति सामने आई, यह तो नहीं मालूम, लेकिन एफआईआर के बाद एक बार फिर से पालिटेक्निक कालेज के घपले को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।