धमकी! DHFL में फंसी रकम की गारंटी ले सरकार, नहीं तो 12 के बाद आंदोलन

उप्र. पावर आफीसर्स एसोशिएसन ने कहा है कि प्रदेश सरकार डीएचएफएल में फंसी रकम की गारंटी नहीं लेती है तो आगामी 12 नवम्बर के बाद एसोसिएशन आंदोलन की राह पकडेगी। इसके साथ ही एसोसिएशन ने एम्प्लाय ट्रस्ट के अध्यक्ष पर सरकार की मेहरबानी पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।

Update: 2019-11-10 14:46 GMT

लखनऊ: उप्र. पावर आफीसर्स एसोशिएसन ने कहा है कि प्रदेश सरकार डीएचएफएल में फंसी रकम की गारंटी नहीं लेती है तो आगामी 12 नवम्बर के बाद एसोसिएशन आंदोलन की राह पकडेगी। इसके साथ ही एसोसिएशन ने एम्प्लाय ट्रस्ट के अध्यक्ष पर सरकार की मेहरबानी पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।

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सरकार और पावर कार्पोरेशन की चुप्पी से कार्मिको में मन में संदेह

उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर एम्प्लॉय ट्रस्ट का लगभग 2267 करोड़ निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल में अभी भी फंसे रहने के मामले में पावर आफीसर्स एसोशिएसन की प्रान्तीय कार्य समिति की रविवार को हुई बैठक में कहा गया कि डीएचएफएल कंपनी बार-बार यह कह रही है कि वह पूरा वापस करेगी लेकिन इस मामलें में सरकार और पावर कार्पोरेशन की चुप्पी से कार्मिको में मन में संदेह उत्पन हो रहा है, जो स्वाभाविक है।

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बैठक में एसोशिएसन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से नियमो के विपरीत कर्मचारियों के पैसे का निवेश किया गया उससे पावर कार्पोरेशन प्रबंधन अपने को अलग नहीं कर सकता। चूंकि बिजली कम्पनियो का 51 प्रतिशत शेयर सरकार के पास है ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को फसी करोड़ो रुपए के निवेश की गारंटी लेने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी ट्रस्ट में ट्रस्ट के चेयरमैन की भूमिका सबसे अहम् होती है ऐसे में अभी तक उनसे कोई पूछताछ न किया जाना सवाल पैदा करता है जो भी दोषी है उन पर पारदर्शी तरीके से कठोर कदम उठाया जाना चाहिए।

फंसी रकम पर गारंटी लेने के लिए सात दिन का समय दिया गया था

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने सरकार को फंसी रकम पर गारंटी लेने के लिए सात दिन का समय दिया गया था लेकिन अभी तक सरकार ने इस मुद्दे पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की जिससे कार्मिको में लगातार रोष बढ़ रहा हैं। जिससे ऊर्जा निगमों की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ रही है सरकार अबिलम्ब पूरे मामलें पर उचित निर्णय नहीं लेती तो एसोसिएशन को भी आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ेगा।

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वर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने 12 नवंबर को प्रदेश के पदाधिकारियो की मीटिंग बुलाई है, तब तक सरकार कोई उचित फैसला नहीं करती तो आगे आंदोलन पर विचार किया जायेगा ।

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